डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। म्यामांर में सेना द्वारा किए गए तख्तापलट के बाद अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को म्यामांर में प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी। साथ ही स्टेट काउंसलर आंग सान सू की समेत देश के कई वरिष्ट नेताओं को हिरासत में लेने के इस कदम के बाद अमेरिका ने म्यामांर की सेना की कड़ी निंदा की है।
सूत्रों के अनुसार, सेना के टेलीविजन चैनल मयावाडी टीवी पर सोमवार सुबह यह घोषणा की गई कि सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। जिसपर बाइडेन ने अपने एक बयान में कहा, ”म्यामांर की सेना द्वारा देश में तख्तापलट, आंग सान सू ची के साथ कई दूसरे प्राधिकारियों को हिरासत में लिया जाना और राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करना, देश के लोकतंत्र पर सीधा हमला है।”
दरअसल, म्यांमार में लंबे समय तक सेना का नियत्रंण रहा है। साल 2015 में म्यांमार में हुए चुनाव में सोशल एक्टिविस्ट आंग सांग सू की, की पार्टी – नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी को भारी मतों से जीत मिली। इस तरह म्यांमार में सैन्य शासन के बाद इलेक्शन द्वारा चुनी गई सरकार आई, लेकिन अभी भी, यहां सेना द्वारा निर्मित संविधान के तहत काम होता है।
म्यांमार की सरकार ने सेना द्वारा बनाए गए संविधान को बदलने की तैयारी शुरू की तो यह बात सेना को रास नहीं आई। जैसे ही सेना ने सू की के इस कदम को अपने खिलाफ पया तो सेना ने तख्तापलट कर देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। इसको लेकर फिसहाल सेना और आंग सांग की सरकार के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
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