आयकर रिटर्न दाखिल करने का सीजन शुरू हो चुका है. सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से टैक्स और पीएफ से जुड़े कई नियमों में बदलाव किए हैं. महामारी के कारण कई लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी, कई लोगों की सैलरी में कटौती हुई और काफी लोगों ने ईपीएफ फंड से पैसा निकाला है. सरकार अकाउंट से निकाले गए पैसे को टैक्स फ्री किया है लेकिन ईपीएफ इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करते समय इसको दिखाना होगा. आईटीआर दाखिल करते समय कई बातों का ध्यान रखना होगा.
कोविड-19 के कारण कई लोगों की सैलरी में कटौती या सैलरी स्थगित की गई है. अक्सर कमर्चारी टैक्स भरने को लेकर चिंतित नहीं रहते क्योंकि कंपनी इसे फाइल कर देती लेकिन सैलरी स्थगित होने पर कंपनी कम टैक्स भरती है तो आपको दिक्कत का समाना करना पड़ सकता है. ऐसे मे आपको सैलरी का मूल्यांकन करके टैक्स भरना चाहिए, जिससे टैक्स डिपार्टमेंट से कोई नोटिस नहीं मिले .
ईपीएफ से पैसा निकाला है तो दें जानकारी
सरकार ने ईपीएफ फंड से पैसा निकालने पर कई तरह की छूट दी थी. सरकार ने ये छूट कोरोना महामारी में परेशानियों का सामना करन रहे लोगों को वित्तीय राहत देने के लिए दी थी. ईपीएफ फंड से निकाले गए पैसे को टैक्स फ्री किया गया था. यह पैसा भले ही टैक्स फ्री हो लेकिन आईटीआर फाइल करते समय इसकी जानकारी देनी होगी.
कंपनी से मिली अतिरिक्त रकम टैक्स के दायरे में
कोरोना महामारी के कारण बड़ी संख्या में कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम होम कर रहे हैं. ऐसे में यदि कर्माचारी को कंपनी ने फर्नीचर या दूसी सुविधाओं के लिए पेमेंट किया है तो यह टैक्स के दायरे में आएगा. ऐसे पमेंट पर कंपनियां टीडीएस नहीं काटती हैं और यह टैक्स के दायरे में आ जाता है.
कोविड-19 के लिए मिली मदद की देनी होगी जानकारी
सरकार ने कोविड-19 के इलाज आदि के लिए मिली वितीय मदद को टैक्स फ्री रखा है. लेकिन आईटीआर भरते समय आपको इस छूट वाले सेक्शन में दिखाना होगा.
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