J&K के नेताओं के साथ कल पीएम मोदी की बैठक, दिल्ली पहुंचकर बोलीं महबूबा- खुले दिमाग से मिलने आई हूं

0
15
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा की पार्टियों के गठबंधन पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के नेताओं की बुधवार को पीएम मोदी के साथ मीटिंग है। इस मीटिंग में शामिल होने के लिए मंगलवार शाम पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती अपनी पार्टी के प्रवक्ता सुहैल बुखारी के साथ दिल्ली पहुंची। 

आईजीआई एयरपोर्ट पर महबूबा मुफ्ती ने कहा, पीएम से मिलने के बाद ही बात करेंगे। खुले दिमाग से पीएम से मिलने आए हैं। जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रविंदर रैना और पार्टी नेता व पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता भी इस बैठक में शामिल होंगे। वहीं जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक से पहले जम्मू-कश्मीर और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 48 घंटे का अलर्ट जारी किया गया है। 

सर्वदलीय बैठक के लिए केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के नेताओं को न्योता भेजा था। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370, 35ए को हटाए जाने के बाद राज्य के नेताओं के साथ इस तरह की यह पहली बैठक है। सर्वदलीय बैठक से पहले मंगलवार को गुपकार गठबंधन के नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें सर्वदलीय बैठक को लेकर रणनीति तैयार की गई। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने अपने आवास पर पीएजीडी की बैठक की अध्यक्षता की। 

इस मीटिंग के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि सर्वदलीय बैठक में नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी समेत वह सभी दल शामिल होंगे, जिन्हें न्योता मिला है। हमें कोई एजेंडा नहीं दिया गया है, इसलिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सामने हम अपना पक्ष रखेंगे। 

वहीं पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने कहा था, हमसे जो छीन लिया गया है, हम उसके बारे में बात करेंगे। वहीद पारा का नाम लिए बगैर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाना चाहिए। 

पीएजीडी सदस्य मुजफ्फर शाह ने कहा था, हम पीएम की ओर से बुलाई गई बैठक और उसके एजेंडे पर फैसला करेंगे। हम अनुच्छेद-370 और 35-ए के बारे में भी बात करेंगे।

बता दें कि गुपकार जम्मू-कश्मीर के 8 सियासी दलों का गठबंधन है। धारा 370 हटाए जाने के बाद 4 अगस्त 2019 को इसे बनाया गया था। गुपकार की अनुच्छेद 370 बहाल करने की मांग है। इसके अलावा राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और पाकिस्तान से बातचीत करने की गुपकार की मांग है।

Source link

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here