Jyeshtha Purnima 2021 Date: हर महीने में एक बार पूर्णिमा(Purnima) आती है. जो हिंदू धर्म में बेहद विशेष मानी गई है. अमावस्या हो या फिर पूर्णिमा दोनों का ही खास महत्व होता है. लेकिन ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा का महत्व(Jyeshtha Purnima Significance) और भी ज्यादा आंका गया है. इस बार ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा(Jyeshtha Purnima) 24 जून को होगी और इसे जेठ पूर्णिमा भी कहा जाता है. चलिए बताते हैं आपको ज्येष्छ पूर्णिमा का महत्व और शुभ मुहूर्त.
ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का बहुत महत्व बताया गया है. वहीं स्नान के बाद दान भी जरूरी है. गंगा या और किसी पवित्र नदी में इस प्रात काल डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिलती है. लेकिन कोरोना जैसी महामारी के दौर में कहीं जाना संभव और सुरक्षित नहीं है लिहाजा घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलकर स्नान किया जा सकता है.जिस तरह ज्येष्ठ अमावस्या पर वट सावित्री का व्रत रखा जाता है ठीक उसी तरह ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट पूर्णिमा के व्रत का विधान है. ये व्रत खासतौर से महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ जगहों पर रखा जाता है.
इसी दिन हुआ संत कबीर का जन्म
कहा जाता है कि इसी दिन संत कबीरदास का जन्म हुआ था लिहाजा इस दिन उनकी जयंती भी है इस वजह से भी इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है.
ज्येष्ठ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि का आरंभ 24 जून को सुबह 3 बजकर 32 मिनट पर हो जाएगा और पूर्णिमा तिथि अगले दिन 25 जून रात 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगी. कई लोग पूर्णिमा का व्रत भी करते हैं लिहाजा इस दिन सुबह सवेरे नहा धोकर व्रत का संकल्प लें. सूर्य को अर्घ्य जरूर दें. नहाने के बाद ब्राह्मण को दाने देना महत्वपूर्ण बताया गया है. इसके बाद शाम को चंद्रमा को जल अर्पित कर भोजन ग्रहण करें.
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