अभी शश महापुरुष राजयोग उस समय बन रहा है, जब होने वाला शिशु मेष, कर्क, तुला और मकर लग्न में जन्म लेगा। यह राजयोग पूरे साल बनेगा। शश महापुरुष राजयोग में पैदा बालक भविष्य में अपना प्रभाव पूरी दुनिया में दिखाएगा। ग्रहों की ऐसी ही स्थिति 1965 में बनी थी। 7 जुलाई से बुध के मिथुन राशि में जाने से उस समय भद्र महापुरुष राजयोग बनेगा, जब शिशु मिथुन, कन्या, धनु और मीन लग्न में जन्म लेगा। लेकिन सूर्य और चंद्रमा के साथ बनने पर राजयोग कम शक्तिशाली होता है।
Rajyog In Kundli : कुंडली में बनने वाले ये योग होते हैं शुभ, राशिनुसार जानें कब बनेगा आपके जीवन में राजयोग
बृहस्पति, बुध, मंगल, शनि और शुक्र के जन्म लग्न के पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव, जिन्हें केन्द्र भी कहा जाता है, में बैठने से ही पंचमहापुरुष राजयोग बनता है। जन्म लग्न से बनने वाले ये राजयोग शक्तिशाली होते हैं और अपनी-अपनी महादशा, अंतरदशा, प्रत्यंतरदशा में जन्मलग्न के भाव स्वामी अनुसार राजतुल्य फल प्रदान करते हैं।
देवगुरु बृहस्पति से हंस और शुक्र से मालाव्य महापुरुष राजयोग बनता है। प्रसिद्ध अभिनेत्री और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं स्व. जयललिता जयराम की कुंडली में हंस और मालाव्य दोनों महापुरुष राजयोग थे। राम को तुला राशि के उच्च शनि के कारण शश महापुरुष राजयोग मिला, जिससे जीवनभर उन्हें महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुईं। लेकिन कर्क लग्न होने के कारण उन्हें वैवाहिक सुख कम ही मिल पाया। दूसरी ओर, अगर आपका सिंह लग्न है और उसमें शश महापुरुष राजयोग बन गया, तो निश्चित आपको रिश्तेदारों और जीवनसाथी से बड़ी समस्या होगी। लेकिन ऐसा आदमी उम्र बढ़ने के साथ-साथ संत, योगी,दार्र्शनिक बनता जाता है। जनता में उसका प्रबल प्रभाव देखा जाता है। हालांकि इनमें अकसर चारित्रिक नकारात्मकता भी देखने को मिलती है। लेकिन अगर देवगुरु बृहस्पति की सिंह लग्न पर दृष्टि है, तो वे अपयश से बच जाते हैं। तुला और मकर में हंस, धनु और मीन में मालाव्य और वृश्चिक लग्न में शश और मालाव्य महापुरुष राजयोग बड़ी दिक्कतें भी पैदा करते हैं।
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