डिजिटल डेस्क, अहमदनगर। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार से शुरू होने वाला भूख हड़ताल रद्द करने का फैसला किया है। 83 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने शुक्रवार देर शाम महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की मौजूदगी में इसकी घोषणा की।
हजारे ने फड़णवीस के साथ एक बैठक के बाद कहा कि मैं लंबे समय से कई मुद्दों पर आंदोलन कर चुका हूं। शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना कोई अपराध नहीं है। मैं तीन साल से किसानों के मुद्दे उठा रहा हूं। उन्होंने कहा कि किसान इसलिए आत्महत्या करते हैं, क्योंकि उन्हें उनकी उपज की सही कीमत नहीं मिलती। अन्ना हजारे ने 30 जनवरी से शुरू होने वाला उपवास वापस लेने की घोषणा करते हुए संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने न्यूनतन समर्थन मूल्य (MSP) को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया है- मुझे इस संबंध में पत्र मिला है।
उन्होंने आगे कहा कि अब जबकि केंद्र सरकार ने इन 15 मुद्दों पर (किसानों के लिए अन्ना हजारे की मांगें) पर काम करने का फैसला कर लिया है, तो ऐसे में मैंने कल का अनशन रद्द करने का फैसला किया है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि जनवरी के अंत में अंतिम भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
हजारे को मनाने में लगी थी पूरी टीम
अन्ना हजारे को मनाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे, देवेंद्र फडणवीस, भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, अहमदनगर के सांसद सुजय विखे पाटिल समेत अन्य नेताओं ने उनसे मुलाकात की है। आज केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने भी उनसे मुलाकात की थी। वहीं, केंद्र सरकार को आखिरकार अपनी कोशिशों में सफलता मिल गई।
ड्राफ्ट के जरिए भी मनाने की कोशिश
इस मामले को सुलझाने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी कमर कसी थी। उन्होंने दिल्ली में देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन से मुलाकात कर एक ड्राफ्ट तैयार किया था, जो हजारे को दिया गया। अन्ना हजारे ने इस ड्राफ्ट की कमियों की जानकारी दी। वहीं, सरकार ने इन कमियों को दूर करने पर हामी भरी जिसके बाद अन्ना ने अनशन रद्द कर दिया।
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