डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के ऋषिगंगा में आए बर्फीले तूफान के बाद मंगलवार को 5 शव मिले। इसके साथ ही अब तक यहां 32 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं। इनमें से अभी तक 25 शवों की शिनाख्त हो सकी है। 7 शव अभी भी अज्ञात हैं। उत्तराखंड प्रशासन के मुताबिक तूफान में लापता हुए 174 अन्य व्यक्तियों की तलाश अभी जारी है। उत्तराखंड के ऋषिगंगा में मारने वाले जिन लोगों की पहचान नहीं हो सकेगी, सरकार उनके डीएनए की जांच करवाएगी। इस डीएनए रिकार्ड को सुरक्षित रखा जाएगा, जिसके आधार पर मृतकों की शिनाख्त हो सकेगी।
NTPC टनल में फंसे 39 लोगों का रेस्क्यू जारी, ड्रोन का इस्तेमाल कर रही एजेसिंयां
वहीं चमोली में तपोवन की NTPC टनल में फंसे 39 लोगों को निकालने की कोशिश तीसरे दिन भी जारी है। ढाई किलोमीटर लंबी इस टनल में ITBP के जवान 120 मीटर तक पहुंच चुके हैं। टनल में पानी की वजह से मलबा दलदल में बदल गया है, इस वजह से ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। ITBP की अधिकारी अपर्णा कुमार ने बताया कि रातभर टनल से मलबा हटाया गया। अभी तक टनल में फंसे किसी भी मजदूर से संपर्क नहीं हो पाया है। सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए ITBP, NDRF, SDRF और अन्य एजेंसियां अब ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल कर रही हैं।
13 गांवों का संपर्क कटा
रैणी में बहे मोटर पुल के बाद से 13 गांवों का संपर्क कटा हुआ है। इन गांवों में प्रशासन की ओर से राशन किट, मेडिकल सुविधा सहित जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है। मंगलवार को भी गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई गई। इसके साथ ही 126 लोगों को हेलीकॉप्टर से उनके गंतव्य जोशीमठ से तपोवन और नीती घाटी तक पहुंचाया गया वहीं प्रशासन ने लापता लोगों की खोज के लिए पहुंचे परिजनों के लिए शिविर लगाकर भोजन और जलपान की व्यवस्था कराई है।
मृतकों के DNA की जांच कर रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जा रहा
इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मंगलवार को आपदा प्रभावित लाता गांव पहुंचे। उन्होंने एनडीआरएफ और आईटीबीपी समेत अन्य एजेंसियों द्वारा तपोवन के टनल में संयुक्त अभियान की जानकारी ली। ऋषिगंगा प्रॉजेक्ट में एक टनल से 15 लोगों को बचाया गया है, दूसरे टनल में 25-35 लोगों के फंसे होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मंगलवार को सचिवालय में उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा, डॉ धर्म सिंह सैनी एवं विजय कश्यप ने भी भेंट की। उन्होंने जोशीमठ क्षेत्र के रैणी क्षेत्र में आयी आपदा से सम्बन्धित बचाव एवं राहत कार्यो के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से चर्चा की। सीएम त्रिवेन्द्र ने बताया कि रैणी से लेकर नदी तटों के सभी स्थलों पर भी व्यापक खोजबीन की जा रही है, ताकि लापता लोगों का पता लग सके। उन्होंने कहा कि इस आपदा में हमें केदारनाथ के अनुभवों का भी लाभ मिल रहा है, यदि लोगों की पहचान हो सके तो ठीक है नहीं तो उनके डीएनए की जांच कर रिकार्ड सुरक्षित रखने के प्रयास किये जा रहे हैं।
NTPC के 12 कर्मचारी सुरक्षित बचा लिए गए
उत्तराखंड सरकार ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि तूफान के दौरान जिस टनल में मलबा भरने से यह हादसा हुआ, उस टनल में 100 मीटर तक मलबा साफ किया जा चुका है। राहत और बचाव कार्य के दौरान NTPC के 12 कर्मचारी सुरक्षित बचा लिए गए हैं। छह अन्य घायलों को भी जिंदा बचाने में कामयाबी मिली है। कुल 206 लोग इस हादसे में लापता हुए थे हैं, जिनमें 2 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। लापता हुए व्यक्ति यहां काम कर रही दस अलग-अलग कंपनियों के कर्मचारी हैं। वहीं राज्य सरकार के मुताबिक उत्तराखंड के ऋषिगंगा में बाढ़ से निचले इलाकों में अब कोई जोखिम नहीं है। जल स्तर भी घट रहा है। सरकारी एजेंसियां स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
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