डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को देशभर में चक्का जाम रखने का ऐलान किया है। इस दौरान देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग मार्गो और राज्यों के राजमार्गो को दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक जाम रखा जाएगा। 26 जनवरी को निकली किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। नई दिल्ली के डिप्टी पुलिस कमिश्नर ने दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों से जरूरत पड़ने पर 12 मेट्रो स्टेशन बंद करने के लिए तैयार रहने को भी कहा है।
पुलिस की सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की व्यवस्था है, जहां प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल नवंबर से बैठे हैं। दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वाल ने कहा, हालांकि हमें पता चला है कि किसानों की राजधानी में चक्का जाम करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन 26 जनवरी को समझौते को विफल करने के मद्देनजर, हम कोई चांस नहीं लेना चाह रहे हैं। विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में विस्तृत व्यवस्था की है।
दिल्ली पुलिस अपने पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस के भी संपर्क में है और राज्य पुलिस के साथ निकट समन्वय में खुफिया जानकारी एकत्र कर रही है। अधिकारी ने कहा, हम विरोध शुरू होने के बाद से ही सीमावर्ती राज्यों की पुलिस के संपर्क में हैं। चक्का जाम के मद्देनजर हम सीमाओं पर भी नजर रखेंगे। छह फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम के दौरान दिल्ली पुलिस कुछ सोशल मीडिया हैंडल की निगरानी भी करेगी। इससे पहले दिन में, दिल्ली पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
उधर, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि देशव्यापी विरोध शांतिपूर्ण होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली में चक्का जाम नहीं होगा। इसके साथ ही टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी चक्का जाम नहीं होगा। चक्का जाम के दौरान, इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका जाएगा। साथ ही चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहेगा।
मोर्चा की तरफ से प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि, वे इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी अधिकारी, कर्मचारियों या आम नागरिकों के साथ किसी भी टकराव में शामिल न हों। 3 बजकर 1 मिनट पर हॉर्न बजाकर, किसानों को एकता का संकेत देते हुए, चक्का जाम कार्यक्रम संपन्न होगा। हम जनता से भी अपील करते हैं कि वे अन्न दाता के साथ अपना समर्थन और एकजुटता व्यक्त करने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल हों।
बता दें कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं।
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