नई दिल्ली:
बजट 2021 (Budget 2021) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के पेट्रोल-डीजल पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डवलपमेंट सेस लगाने के प्रस्ताव ने विपक्ष के साथ-साथ राज्यों को नाराज़ कर दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने बजट में इस सेस के प्रस्ताव का विरोध किया है.
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बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पेट्रोल-डीजल पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस लगाने के प्रस्ताव पर बड़ी बहस छिड़ गई है. पेट्रोल की कीमतों को डीरेगुलेट करने में अहम भूमिका निभाने वाले तेल अर्थशास्त्री किरीट पारीख कहते हैं — पेट्रोल डीजल पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस लगाने से राज्यों को दो स्तर पर नुकसान होगा.
किरीट पारीख ने NDTV से कहा- “केंद्र सरकार को वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सेंट्रल एक्साइज कलेक्शन का हिस्सा राज्यों के साथ शेयर नहीं करना पड़ेगा. साथ ही, सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी घटने से राज्यों को सेल्स टैक्स से होने वाली कमाई भी कुछ घटेगी क्योंकि सेल्स टैक्स का केलकुलेशन पेट्रोल- डीजल की बेसिक कॉस्ट और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी के आधार पर ही तय होता है.”
दरअसल सरकार को फंड चाहिए कोरोना संकट के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए और अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने के लिए…लेकिन पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्र कहते हैं – एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस से राज्यों को काफी नुकसान होगा.
कांग्रेस ने भी वित्त मंत्री के सेस के प्रस्ताव का विरोध किया है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने NDTV से कहा, “ये मज़ाकिया फैसला है. सेंट्रल एक्साइज क्यों कम किया? जिससे कि राज्यों को न देना पड़े और सरकार पूरा खुद खा सकती है.”
पेट्रोल -डीजल पर सेस का फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब तेल कंपनियों ने कीमतों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी की है और लोग सरकार से कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राहत की उम्मीद कर रहे थे. साथ ही, इस फैसले से कोरोना संकट की वजह से वित्तीय संकट झेल रही राज्यों की भी कमाई घटेगी.
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