मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों को मिला अमेरिका का समर्थन, कहा- बातचीत से सुलझाए जाएं मतभेद

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों का संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्वागत किया है। अमेरिका ने कृषि सुधार के लिए लाए गए तीनों कानूनों का समर्थन करते हुए कहा, वह ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारतीय बाजारों की ‘निपुणता में सुधार’ करेंगे और निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। वहीं, अमेरिका ने किसानों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन किया है। 

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका शांतिपूर्ण विरोध को लोकतंत्र की पहचान मानता है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है। हम मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाने को प्रोत्साहित करते हैं। किसी भी देश में शांतिपूर्ण विरोध को लोकतंत्र की पहचान माना जाता है।

प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारत के बाजारों की स्थिति में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र में अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। प्रवक्ता की ओर से कहा गया कि कृषि क्षेत्र को बेहतर करने के किसी भी फैसले का अमेरिका स्वागत करता है, प्राइवेट सेक्टर को इस ओर लाने का भी स्वागत है। आपको बता दें कि जो बाइडेन प्रशासन की ओर से पहली बार भारत में जारी आंदोलन को लेकर सीधी प्रक्रिया दी गई है।  

गौरलतब है कि किसान संगठन केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कानूनों में किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 शामिल है। सरकार लगातार किसानों से शांतिपूर्ण बातचीत कर इस मसले को सुलझाने का प्रयास कर रही हैं। इसी आंदोलन के तहत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भड़की। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए और केंद्र की तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में अपनी ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली के कई हिस्सों में हिंसा हुई। 





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