उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने के बाद आई आपदा के कारणों पर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि अभी लोगों की जान बचाना महत्वपूर्ण है, कारणों का पता विशेषज्ञ बाद में लगाएंगे. जोशीमठ के पास ग्लेशियर फटने के बाद 100 से ज्यादा लोग लापता बताए गए हैं. अब तक 10 लोगों के शव बरामद किए गए हैं.
यह भी पढ़ें
चमत्कार ः उत्तराखंड में ध्वस्त सुरंग से मजदूरों को बाहर निकाला गया-देखें वीडियो
सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और अर्धसैनिक बलों को भी राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उत्तराखंड में हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की मैं लगातार निगरानी कर रहा हूं और पूरा देश सभी की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहा है. आपदा के कारण ऋषि गंगा पॉवर प्रोजेक्ट पूरी तरह ध्वस्त हो गया. वहीं एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को भी नुकसान पहुंचा है. रैणी गांव में ज्यादा तबाही हुई है और स्थानीय लोगों, प्रशासन और आपदा मोचन बल के लोग लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं.
LIVE : चमोली में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर प्रेसवार्ता। https://t.co/jprXHgW28x
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
इंडो तिब्बतियन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवानों ने संकरी सुरंग में फंसे एक श्रमिक को बाहर निकाला. चमोली जिले में ग्लेशियर फटने और उसके बाद नदियों में आई बाढ़ के बाद आईटीबीपी कर्मियों को राहत एवं बचाय कार्य में लगाया गया है. इस बचाव अभियान का एक मोबाइल वीडियो वायरल हो रहा है.
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि सुरंग से करीब 16 लोगों को बाहर निकाला गया है. ग्लेशियर फटने के बाद इलाके में 100 के करीब लोग लापता बताए जाते हैं. इसके बाद चमोली जिले में अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों में बाढ़ सी आ गई है. अब तक 10 लोगों के शव बरामद हुए हैं.
Source link