Farmer Protest: बैरिकेडिंग का सिंघु बॉर्डर के किसानों के जोश पर असर नहीं

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन की तरफ से बैरिकेडिंग की गई है। दिल्ली की ओर से सिंघु बॉर्डर की ओर जाने पर बॉर्डर से दो किलोमीटर पहले ही बैरिकैडिंग की गई है। इसमें चुनिंदा गाड़ियों को जाने की इजाजत दी जा रही है, लेकिन मीडिया की गाड़ियों को नहीं जाने दिया जा रहा है।

सिंघु बॉर्डर के पास सड़क पूरी तरह खोद दी गई है। संयुक्त किसान मोर्च के मंच से पहले एक किसान संघर्ष समिति का स्टेज है। इसी स्टेज पर दो दिन पहले पत्थरबाजी की गई थी। इस स्टेज के आगे सीमेंट और सरिया डाल कर पूरी तरह से बैरिकेडिंग की गई है। सिंघु बॉर्डर जाने के लिए हर रास्ते बंद कर दिए गए हैं। नरेला की तरफ से धरने में शामिल होने के लिए आ रहे 46 किसानों को हिरासत में रखकर पूछताछ की गई है।

सिंघु बॉर्डर पर मौजूद एक किसान नेता सुरजीत सिंह ढेर ने बताया कि मोदी सरकार दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर ऐसी दीवार खड़ी कर रही है, जैसी दीवार बनाने की घोषणा ट्रंप ने अमेरिका और मैक्सिको सीमा पर की थी।

जम्हूरी किसान सभा के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने बताया कि सरकार ने इंटरनेट बंद करके और बैरिकेडिंग करके किसान आंदोलन की खबरों को बाहर आने से रोक दिया है। इसके अलावा मोदी सरकार अपने प्रचार साधनों से यह जताने की कोशिश कर रही है कि धरना कमजोर पड़ गया है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। हरियाणा और पंजाब से किसानों का आना लगातार जारी है।

संयुक्त किसान मोर्चे के नेता सतनाम सिंह अजनारा ने बताया कि सरकार तमाम गैरमानवीय कदम उठा रही है। इसमें बिजली काटना, पानी बंद करना और इंटरनेट बंद करना शामिल है। अब सरकार बैरिकेडिंग कर रही है। ये सब सरकार को तुरंत बंद करना चाहिए। अगर सरकार बातचीत करना चाहती है तो उसे पहले बातचीत का माहौल तैयार करना होगा।



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