डिजिटल डेस्क (भोपाल)। किसान नेता राकेश टिकैत मंगलवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित महापंचायत में पहुंचे। यहां पर उन्होंने कहा कि ‘यह आंदोलन लंबा चलेगा। अभी सरकार को 2 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। दिल्ली से किसान वापस नहीं आ रहे थे जो साढ़े तीन लाख ट्रैक्टर गए थे वे वापस आ रहे थे। सरकार गलतफहमी में न रहे कि किसान वापस चला जाएगा’।
सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार 76वें दिन भी जारी है। किसान अब भी नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन स्थल पर कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। पहले की तरह दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन स्थल को चारों तरफ से घेरा हुआ है। यहां तक हर किसी का पहुंचना अब मुश्किल होता है, इसके बावजूद किसानों के हौसले कम होने का नाम नहीं ले रहे।
हरियाणा: किसान नेता राकेश टिकैत कुरुक्षेत्र में आयोजित महापंचायत में पहुंचे। #FarmersProtestpic.twitter.com/2wg6BBMoGV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 9, 2021
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्यसभा में दिए गए भाषण पर भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री द्वारा आंदोलन कर रहे लोगों को ‘आंदोलनजीवी’ कहा गया है। लिहाजा, वह प्रधानमंत्री को कहना चाहते हैं कि वे आंदोलनजीवी ही थे, जिन्होंने भारत को औपनिवेशिक शासकों से मुक्त करवाया था और इसीलिए हमें आंदोलनजीवी होने पर गर्व भी है।
यूपी में किसान सभाओं को संबोधित करेंगी प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अलख जगाने के लिए किसान सभाओं की श्रृंखला आयोजित करेंगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रियंका 10 फरवरी को सहारनपुर में इस तरह की पहली बैठक करेंगी। फिर वह 13 फरवरी को मेरठ और बिजनौर में इसी तरह की किसान सभाओं को संबोधित करेंगी।
सहारनपुर के बेहट से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी के अनुसार, अपनी यात्रा के दौरान, प्रियंका शांकुभरी माता मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगी। बाद में, वह चिलकाना क्षेत्र में एक किसान सभा संबोधित करेंगी। प्रियंका की सहारनपुर यात्रा पहले 8 फरवरी के लिए निर्धारित थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसके लिए अनुमति नहीं दी।
सैनी ने कहा, किसान सभा को बाद में शहर की सीमा के बाहर स्थानांतरित कर दिया गया। प्रियंका ने हाल ही में रामपुर का दौरा किया था, जहां उन्होंने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली की हिंसा के दौरान मारे गए एक किसान नवप्रीत सिंह के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।
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