Republic Day: भारतीय सेना राजपथ पर दुनिया के सामने दिखाएगी अपनी ताकत, दिल्ली की सड़कों पर दौड़ेंगे 1 लाख ट्रैक्टर

0
10
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में गणतंत्र दिवस की तैयारी जोरों पर है। खास तोर पर दिल्ली पर सबकी निगाह रहेगी। क्योंकि, एक ओर जहां भारतीय सेना राजपथ पर दुनिया के सामने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगी, वहीं दूसरी ओर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर परेड करेंगे। 

टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर 30 हजार ट्रैक्टर पहुंचे
किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के बीच 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड पर सहमति बनने के बाद सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर तैयारियां जोरों पर हैं। पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार सुबह तक टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर करीब 30 हजार ट्रैक्टर पहुंच चुके हैं। किसान नेताओं का दावा है कि 26 जनवरी की सुबह तक एक लाख ट्रैक्टर आ जाएंगे

मार्केट बंद रहेगा, सड़कें भी खाली होंगी
टीकरी से दिल्ली वाले रूट पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान सुरक्षा बलों और किसानों के अलावा कोई नहीं होगा। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, 25 जनवरी की शाम को ही सारी दुकानें बंद करवा दी जाएगी। ऐसा इसलिए, ताकि कुछ गड़बड़ी हो तो वाहनों और दुकानों को नुकसान न पहुंचे।

कई मार्गों को ट्रैफिक पुलिस ने किया बंद
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यूपी से दिल्ली में प्रवेश करने वाले कई मार्गों से परहेज करने की सलाह दी है। गाजीपुर, चिल्ला से परेड शुरू होगी और आनंद विहार अप्सरा बॉर्डर होते हुए यूपी में प्रवेश कर वापस प्रदर्शनस्थल पर आकर खत्म होगी। इसके चलते नोएडा, गाजियाबाद के सभी एंट्री प्वाइंट पर जाम लगेगा, जिससे वाहन चालकों को परेशानी होगी। हरियाणा की तरफ से आने वाले कई मार्गों को भी परिवर्तित किया गया है। नरेला, अलीपुर समेत कई छोटे रास्तों को बंद कर दिया गया है। लोगों को सलाह है कि वह सोशल मीडिया पर ट्रैफिक का अपडेट देख लें और घर से समय लेकर निकलें।

इस रूट पर पुलिस ने दी परेड की मंजूरी

  • सिंघु बॉर्डर: संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, डीटीयू, शाहाबाद डेयरी, बरवाला, पूथ खुर्द, कंझावला, टी पॉइंट, बवाना टी पाइंट, कंझावला चौक, कुतुबगढ़, औचंदी बॉर्डर, खरखोदा टोल प्लाजा।
  • टीकरी बाॅर्डर: नांगलोई, बपरोला, नजफगढ़, फिरनी रोड, झरोडा बॉर्डर, रोहतक बाइपास (बहादुरगढ़), असोदा टोल प्लाजा।
  • गाजीपुर बॉर्डर: अप्सरा बाॅर्डर, हापुड़ रोड, भोपुर, आईएमएस कॉलेज, लालकुआं, गाजीपुर बॉर्डर।

गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार राजपथ पर दिखेगा ये नजारा
इस बार गणतंत्र दिवस कई मायनों में अलग होने वाला है। कोविड-19 से पैदा हुए हालात के कारण कई बदलाव किए गए है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर दूसरे देशों के राष्ट्रप्रमुख, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता रहा है। लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि नहीं होंगे। कोरोना की वजह से सरकार ने ये फैसला लेने की बात कही है। आपको बता दें कि साल 1966 के बाद पहली बार होगा जब गणतंत्र दिवस समारोह में चीफ गेस्ट नहीं होंगे।

कई मायनों में होने वाला है अलग
कोरोना वायरस महामारी के चलते इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में अतिथियों और दर्शकों की संख्या कम रहेगी। जहां हर साल रिपब्लिक डे परेड देखने 1.15 लाख लोग मौजूद रहते थे। लेकिन इस बार यह संख्या 25 हजार लोगों तक ही कर दी गई है। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाए रखने जैसी एहतियात गणतंत्र दिवस समारोह में भी दिखेगी। परेड का रूट छोटा होगा। पहले परेड की लंबाई 8.2 किलोमीटर होती थी, जो विजय चौक से लाल किले तक जाती थी। लेकिन इस बार विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक यह 3.3 किलोमीटर ही लंबी होगी। 

55 साल बाद विदेशी मुख्य अतिथि नहीं
साल 1966 के बाद ऐसा पहली बार होगा कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में किसी दूसरे देश का प्रमुख मुख्य अतिथि नहीं होगा। पूरे विश्व में फैली कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस साल 26 जनवरी पर किसी विदेशी मुख्य अतिथि को गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा नहीं बनाने का फैसला किया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 1966 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि कोई विदेशी गेस्ट मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा। साल 1952 और 1953 में भी रिपब्लिक डे परेड का गवाह कोई विदेश मुख्य अतिथि नहीं बन सका। आपको बता दें कि देश में साल 1950 में पहली बार बनाए गए गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री सुकर्णो मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।

छोटे बच्चों की नो एंट्री
गणतंत्र दिवस परेड में अब तक हर दस्ते में 144 लोग होते थे। लेकिन इस बार 96 लोग ही होंगे। परेड में इस बार छोटे बच्चे हिस्सा नहीं लेंगे। 15 साल से ज्यादा उम्र के स्कूली बच्चे ही शामिल होंगे। साथ ही दिव्यांग बच्चे भी इस बार शामिल नहीं होंगे।

क्‍या होगा खास
इस बार 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के साथ मंत्रालयों की झांकी भी होगी। उत्तर प्रदेश की झांकी में राममंदिर, दीपोत्सव और रामायण की विभिन्न घटनाओं की झलक देखने को मिलेगी। देवभूमि उत्तराखंड की झांकी में केदारनाथ और राज्य पशु कस्तूरी मृग की झलक होगी। पंजाब की झांकी में रिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर के बलिदान को दिखाया जाएगा। इसके साथ 400वें प्रकाश पर्व को भी दिखाया जाएगा। नौसेना की झांकी में INS विक्रांत की प्रतिकृति, 1971 में पाकिस्तान के साथ हुई लड़ाई में नौसेना के पराक्रम की झलक भी देखने को मिलेगी। वहीं दर्शकों को राफेल की झलक भी दिखेगी। अलावा विभागों में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से भारत में कोविड वैक्सीन के निर्माण के पूर्व परीक्षण और परीक्षण के बाद के चरणों का प्रदर्शन किया जाएगा। विभिन्न राज्यों, मंत्रालयों और सरकारी विभागों की झांकी प्रतियोगिताओं के सभी सदस्यों का कोविड परीक्षण किया जाएगा।



Source link

Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp
पिछला लेखकोविड वैक्सीनेशन: भारत में लगभग 20 लाख लोगों को लगी वैक्सीन, कर्नाटक सबसे आगे
Team Hindi News Latest

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here