डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने के हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है। चमोली जिला पुलिस ने अब तक 26 शव मिलने की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि अभी भी 202 से अधिक लोग लापता थे, जिसमें से पांच लोग खुद वापस आए हैं। सुरंगों के पास से मलबा हटाया जा रहा है। सेना, वायुसेना, NDRF, ITBP और SDRF की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं। वैश्विक नेताओं ने घटना पर गहरा दुख जताया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने आवश्यकता होने पर मदद करने की पेशकश की है।
बता दें कि रविवार को ग्लेशियर टूटकर झील में गिरने के बाद ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में उफान आ गया था। पानी के साथ बड़े-बड़े पत्थर भी काफी रफ्तार से बढ़े। इससे तपोवन इलाके में स्थित निजी कंपनी के ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और NTPC प्रोजेक्ट साइट को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा था। NTPC पर दो टनल में लोग फंसे थे। पहली टनल से 16 लोगों को रविवार को ही रेस्क्यू कर लिया था।
#WATCH Rescue work underway at Tapovan tunnel, Joshimath in Uttarakhand. ITBP team will work overnight at the site. The work to take out debris and slush from the tunnel to continue overnight pic.twitter.com/2wF7sb1DnY
— ANI (@ANI) February 8, 2021
तपोवन इलाके से 26 शव और 5 मानव अंग निकाले गए
दूसरे दिन यानी सोमवार को करीब ढाई किलोमीटर लंबी दूसरी सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन रातभर चलेगा। अधिकारियों ने यहां करीब 35 मजदूरों के फंसे होने की बात कही है। सोमवार रात 8 बजे जारी ब्रीफिंग के मुताबिक, रेस्क्यू टीम ने तपोवन इलाके से 26 शव और 5 मानव अंग निकाले हैं। यहां से 2 पुलिसकर्मियों समेत 171 लोगों के लापता होने की जानकारी मिली है, जिनमें दूसरी टनल में फंसे 35 लोग भी शामिल हैं। वहीं, उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि पूरे चमोली की बात करें तो हादसे के बाद 197 लोग लापता हैं।
टनल के 130 मीटर हिस्से से मलबा हटाया
NTPC की ढाई किलोमीटर लंबी दूसरी टनल में रविवार रात पानी बढ़ जाने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा था। NDRF की टीम ने सोमवार सुबह जलस्तर घटने के बाद ऑपरेशन फिर शुरू कर दिया था। देर शाम तक इस टनल के 130 मीटर हिस्से से मलबा हटा दिया गया है। इधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दोबारा प्रभावित इलाके में पहुंच गये हैं। वे सोमवार की रात में भी यहीं रुकेंगे।
राज्य और केंद्र सरकार ने मुआवजे की घोषणा की
हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। राज्य सरकार चार और केंद्र सरकार दो लाख रुपये की सहयोग राशि देगी। आपदा प्रभावित क्षेत्र में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों के लिए शासन ने सोमवार को एसडीआरएफ मद से चमोली जिलाधिकारी को 20 करोड़ रुपये जारी किए। इस धनराशि से जानमाल के नुकसान की भरपाई होगी।
202 में से 5 लोगों ने वापस लौटने की जानकारी दी
राज्य के आपदा मोचन बल की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि आपदा के बाद लापता हुए लोग अब वापस आकर अपनी उपस्थिति की सूचना दे रहे हैं। लापता 202 लोगों में से आज पांच लोगों ने स्वयं की उपस्थिति रिपोर्ट दर्ज की। अब कुल लापता लोगों की संख्या हुई 197 हो गई है। इनकी तलाश की जा रही है।
ग्लेशियर नहीं टूटा, भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आई आपदा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि क्षेत्र में ग्लेशियर नहीं टूटा बल्कि भारी मात्रा में बर्फ पिघलने से आपदा आई है। आज हुई बैठक में इसरो के साइंटिस्टस ने सेटेलाइट पिक्चर से साफ किया कि यह आपदा ग्लेशियर टूटने नहीं आई। तापमान बढ़ने से बर्फ पिघली और यह हादसा हो गया।
आपदा प्रभावितों के लिए तैयार की राशन की एक हजार किट
चमोली में आपदा प्राभावितों के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने राशन की एक हजार किट तैयार की है। जिसमें आटा, दाल, चीनी, चायपत्ती, नमक, मोमबत्ती, माचिस, तेल, मसाले, साबुन आदि रखा गया है।
सेना और BRO बनाएंगे चीन बॉर्डर को जाने वाला पुल
उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सरहद को जोड़ने वाला पक्का पुल भी टूट गया था। यह पुल बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन यानी BRO ने बनाया था। सेना की इंजीनियरिंग कोर और BRO मिलकर यहां पर जल्द ही एक लोहे का वैली पुल बनाएंगे ताकि सेना की गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो सके।
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