चैत्र नवरात्रि 2021 का आज छठवां दिन है। आज का दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। मान्यता है कि माता रानी अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं और हर हाल में उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। कहते हैं कि मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह में आने वाली अड़चने दूर हो जाती हैं और सुयोग्य वर की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि मां कात्यायनी अपने भक्तों के सभी मंगल कार्यों को संपन्न कराती हैं।
शास्त्रों में प्रचलित पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां कात्यायनी की पूजा स्वयं भगवान राम और श्रीकृष्ण ने की थी। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए माता रानी के इस स्वरूप की उपासना गोपियों ने भी की थी।
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पढ़ें मां कात्यायनी के जन्म के पीछे की कहानी-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि कात्यायन मां दुर्गा के परम उपासक थे। एक दिन मां दुर्गा ने इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर इनके घर पुत्री के रुप में जन्म लेने का वरदान दिया। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण ही देवी मां को मां कात्यायनी कहा जाता है।
मां कात्यायनी ने किया था महिषासुर का वध-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी की उपासना से इंसान अपनी इंद्रियों को वश में कर सकता है। मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था। इसलिए ही मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी भी कहा जाता है। मां कात्यायनी को दानवों और असुरों का विनाश करने वाली देवी कहते हैं।
(नोट- इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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