पेमेंट डिफॉल्ट मामले के बाद ओयो के दिवालिया होने की खबरें उड़ी थीं. इसके बाद कंपनी के मालिक रितेश अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर कहा था कि पेमेंट डिफॉल्ट के एक मामले को लेकर अफवाह उड़ाई जा रही है. पेमेंट डिफॉल्ट के इस मामले में अब ओयो की सब्सिडयरी कंपनी ओयो होटेल्स (OYO Hotels) को नेशनल कंपनी लॉ अपीलिएट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से बड़ी राहत मिली है. NCLAT ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें 16 लाख रुपये के पेमेंट डिफॉल्ट होने पर OYO की सब्सिडियरी कंपनी ओयो होटेल्स एंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड की दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया था.
कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स के गठन पर रोक
NCLAT ने OYO होटेल्स की वह याचिका को मंजूर कर ली है, जिसमें दिवालिया प्रक्रिया रोकने की अपील की गई है. दरअसल, NCLT ने 30 मार्च को अपने ऑर्डर में ओयो होटेल्स एंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड के लेनदारों को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स के गठन करके 15 अप्रैल, 2021 तक अपने दावे सौंपने को कहा था ताकि आईबीसी के तहत ओयो होटल्स की दिवालिया प्रक्रिया शुरू की जा सके. लेकिन NCLAT ने कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स के गठन पर रोक लगा दी है.
यह है मामला
दरअसल ओयो ब्रांड के तहत कारोबार करने वाले एक होटल मालिक ने ओयो होटेल्स ने 16 लाख रुपये के पेमेंट का डिफॉल्ट कर सर्विस एग्रीमेंट का उल्लंघन किया है. इसके बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने ओयो होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के लेनदारों को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स का गठन कर दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. ओयो के फाउंडर और मालिक रितेश अग्रवाल ने इसे NCLAT में चुनौती थी दी. उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही इन खबरों का खंडन किया था.
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