डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के एक ग्रुप कमांडर की बुधवार को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट़्स के मु़ताबिक, उन्हें समय पर वेंटिलेटर नहीं मिल पाया। ग्रुप कमांडर का नाम बीरेंद्र कुमार झा है जिन्हें ग्रेटर नोएडा के सीएपीएफ हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। तब उनकी हालत सामान्य थी।
4 मई की शाम अचानक बीरेंद्र का ऑक्सीजन लेवल नीचे आ गया और उनकी हालत बिगड़ गई। बीरेंद्र जिस हॉस्पिटल में भर्ती थे, वहां वेंटिलेटर खाली नहीं था। इस वजह से उन्हें दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दी गई। ICU बेड की तलाश में काफी समय निकल गया। ऐसे में जब उन्हें दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल ले जाया जा रहा था तो उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
एनएसजी के टॉप सोर्सेज ने कहा, ‘जब हमें एहसास हुआ कि ग्रुप कमांडर की हालत क्रिटिकल हैं, तो हमने उन्हें वेंटिलेटर पर रखने को कहा। दुर्भाग्य से अस्पताल में दो वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे थे। इसके बाद, एम्स नई दिल्ली में फोन कॉल किए गए, लेकिन अस्पताल ने कहा कि वह इतने कम समय में व्यवस्था नहीं कर सकता।
इसके बाद अगली चुनौती ग्रुप कमांडर बीके झा को सुरक्षित तरीके से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की थी। लेकिन सीएपीएफ अस्पताल के पास ऑफिसर को फोर्टिस हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के लिए स्पेशिलाइज्ड एम्बुलेंस नहीं थी। ऐसे में एनएसजी की कार्डिएक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (एसीएलएस) के अरेंजमेंट में काफी महत्वपूर्ण समय चला गया।
अधिकारियों ने कहा, एम्बुलेंस लगभग 2:30 बजे पहुंची, लेकिन दुर्भाग्य से ऑफिसर की सुबह 3 बजे कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु हो गई। डीजी और एनएसजी के सभी रैंकों ने उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और राष्ट्र के लिए उनकी विशिष्ट सेवा को याद किया।
बता दें कि ग्रुप कमांडर बीके झा मूल रूप से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कैडर के 1993 बैच के अधिकारी थे और बिहार के रहने वाले थे। वह 2018 में बीएसएफ से प्रतिनियुक्ति पर एनएसजी में शामिल हुए थे। खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीएसएफ ने कहा कि वह इस मुश्किल समय में अधिकारी के परिवार के साथ खड़ा है।
एनएसजी के सोमवार तक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 430 कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जिनमें से केवल 59 ही सक्रिय हैं।
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