हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। शुक्ल व कृ्ष्ण पक्ष की ग्याहरवीं तिथि को एकादशी का व्रत रखा जाता है। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस साल बुधवार सात अप्रैल को पापमोचिनी एकादशी है। आइए जानते हैं इस पावन दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं….
- एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी करना चाहिए। भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
- इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और मांस- मदिरा के सेवन से दूर रहें। एकादशी के पावन दिन चावल का सेवन न करें।
- इस दिन किसी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस पावन दिन ब्रह्मचर्य का पालन भी करें।
- धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन दान- पुण्य करें।
- एकादशी के पावन दिन भगवान विष्णु को भोग जरूर लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूरी शामिल करें। भगवान को सात्विक चीजों का ही भोग लगाएं।
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