सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने 23 वर्षीय रेप के आरोपी को जमानत दे दी. उस पर 14 वर्षीय लड़की के यौन उत्पीड़न का आरोप था. अदालत में जमानत का आधार आरोपी की मनोवैज्ञानिक स्थिति यानी ‘पीटर पैन सिंड्रोम’ से पीड़ित होना बना.
क्या है पीटर पैन सिंड्रोम?
पीटर पैन सिंड्रोम एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जिसका इस्तेमाल एक वयस्क के बारे में बताने के लिए किया जाता है. ये सिंड्रोम महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा पाया जाता है. सिंड्रोम से पीड़ित वयस्क पुरुष या महिला सामाजिक रूप से अपरिपक्व होते हैं. आरोपी के वकील के मुताबिक, ये उस स्थिति को बताता है जब व्यस्क पुरुष और महिला व्यस्कता की अपनी व्यक्तिगत और पेशेवाराना जिम्मेदारियों से भागते हैं क्योंकि उसका पूरा करना उन्हें चुनौतीपूर्ण लगता है. इस व्यवहार को पीटर पैन सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है. इस तरह के व्यवहार को स्पष्ट करने के लिए मनोवैज्ञानिक डॉ डैन केली ने पहली बार अपनी किताब में पीटर पैन सिंड्रोम का इस्तेमाल किया था. वकील ने अदालत को बताया कि पीड़ित का परिवार उनके संबंधों को जानता था.
बेल का आधार बना सिंड्रोम
लेकिन, उन्होंने लड़के की बीमारी और उसकी खराब पृष्ठभूमि के कारण उसका समर्थन नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी के पारिवारिक सदस्यों के साथ लड़की के परिजनों का अच्छा संबंध नहीं था. उन्होंने ये भी बताया कि पीड़िता ने मर्जी से उनके मुवक्किल के साथ संबंध बनाया. गौर करनेवाली बात है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से पीटर पैन सिंड्रोम मानसिक स्वास्थ्य स्थिति के तौर पर मान्यता प्राप्त नहीं है. उसके अलावा, ये मानसिक बीमारी की श्रेणी में भी सूचीबद्ध नहीं है. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि व्यवहार के इस पैटर्न का किसी के संबंध और जिंदगी की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. पीटर पैन सिंड्रोम का मूल साहित्य में मिलता है. पीटर पैन के पात्र से लिया गया नाम स्कॉटिश उपन्यासकार और नाटककार जेएम बैरी के नाटक में सामने आया था. नाटक का मुख्य किरदार पीटर पैन एक शरारती लड़का है जो उड़ सकता है.
Finland: दुनिया के सबसे खुशहाल देश में आपका स्वागत क्यों है? जानिए वजह
Coronavirus: कोरोना दिमाग पर भी कर रहा है अटैक, गंभीर मानसिक बीमारियों के अलावा जान जाने का भी है खतरा
Source link