डिजिटल डेस्क, मनीला। दक्षिणी फिलीपींस में रविवार को हुई विमान दुर्घटना में मरने वालों का आंकड़ा 50 पहुंच गया। सोमवार को अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अमेरिका ने एशिया में अपने सबसे पुराने संधि सहयोगी फिलीपींस को सैन्य सहायता के रूप में दो विमान सौंपे थे जिनमें ये विमान भी था। अमेरिका ने एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट को नवीनीकृत करने के बाद फिलीपींस को सौंपा था।
सैन्य अधिकारियों ने कहा कि लॉकहीड सी-130 हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट 96 कॉम्बेट ट्रूप्स को लेकर जा रहा था। सुलु प्रांत के जोलो एयरपोर्ट पर लैंड करते समय वह रनवे से आगे निकल गया और एक नारियल के बाग में जा गिरा। इसके बाद विमान में आग लग गई। सैनिकों, पुलिस और अग्निशामकों ने 49 सैन्य कर्मियों को बचाया, जिनमें कुछ विस्फोट होने से पहले विमान से कूद गए थे। सेना ने कहा कि जमीन पर मौजूद सात लोग विमान के पुर्जों और मलबे की चपेट में आ गए और उनमें से तीन की मौत हो गई।
सैनिकों द्वारा लिए गए एक वीडियो में विमान को साफ मौसम में उतरते और फिर एयरपोर्ट के बाहर गायब होते देखा जा सकता है। एक सैनिक की आवाज आई, “यह गायब हो गया, यह गायब हो गया,”। इसके बाद एयरपोर्ट से कुछ दूरी पर गहरे भूरे रंग का धुआं दिखा। सैनिकों ने चिल्लाया ‘यह गिर गया, यह गिर गया!’ अभी यह साफ नहीं है कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का क्या कारण है? जांचकर्ता C-130 के कॉकपिट वॉयस और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की तलाश कर रहे हैं।
क्षेत्रीय सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल कोरलेटो विनलुआन ने कहा कि ‘इस बात की संभावना कम है कि विमान पर दुश्मनों ने गोलीबारी की हो।’ सैन्य प्रमुख जनरल सिरिलिटो सोबेजाना ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था कि ‘विमान रनवे को मिस कर गया और वह दोबारा पावर हासिल करने की कोशिश कर रहा था लेकिन असफल रहा और दुर्घटनाग्रस्त हो गया।’
वायुसेना के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एपी को बताया कि जोलो रनवे देश के अन्य एयरपोर्ट पर मौजूद रनवे की तुलना में छोटा है। इस कारण से अगर कोई विमान लैंडिंग स्पॉट मिस कर देता है तो पायलटों के लिए विमान को एडजस्ट करना अधिक कठिन हो जाता है।
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