इम्प्लाॅयज प्रोविडेंट फंड (EPF) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक लाॅन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के रूप में देखा जाता है। कोई भी नौकरी पेशा व्यक्ति इन सभी स्कीम के जरिए अपना भविष्य सुरक्षित बनाने के कोशिश करता है। लेकिन क्या आपको पता है की एक समय EPF 3% और PPF 4.8% की ब्याज दर दे रहे थे।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ की शुरुआत 1968 में हुई थी। तब यह स्कीम पर महज 4.8% इंटररेस्ट रेट ही मिलता था। लेकिन फिर वहां से यह 12 प्रतिशत तक पहुंचा। मौजूदा समय में पीपीएफ पर 7.1% इंटररेस्ट रेट मिल रहा है। जोकि पिछले 44 वर्षों में सबसे कम है।
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वहीं, इम्प्लाॅयज प्रोविडेंट फंड यानी ईपीएफ की शुरुआत भारत सरकार ने 1952 में की थी। शुरुआती तीन साल में इस स्कीम के जरिए महज 3% प्रतिशत ब्याज ही मिलता था। वित्त वर्ष 1990 में यह सबसे अधिक 12% तक का रिटर्न दे रहा था। उसके बाद से ही इसमें गिरावट देखने को मिली।
पीपीएफ की ब्याज दर 2016 में 8%, 2017 में घटकर 7.8% और फिर से 2018 में 7.6 प्रतिशत हो गया। रिपोर्ट के अनुसार इन सभी सालों में ईपीएफ की ब्याज 8.5 प्रतिशत बनी रही।
जुलाई में क्रेडिट होगा EPFO का इंटररेस्ट रेट
इम्प्लाॅयज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने यह तय किया है कि साल 2020-21 के लिए ब्याज दर 8.5% रहेगी। अब उम्मीद जताई जा रही है कि यह ब्याज जुलाई में आ सकता है। कोरोना महामारी के कारण परेशान EPFO खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सूत्रों के अनुसार अगले महीने ब्याज दर किसी भी दिन क्रेडिट किया जा सकता है।
मार्च में हुए EPFO के सेंट्रल बोर्ड के ट्रस्टी की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया था कि 2020-21 के लिए ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया जाएगा। 2019-20 में भी ब्याज दर 8.5% ही थी। कोरोना की वजह से 2019-20 में ब्याज दरों कटौती की गई थी। 2018-19 में 8.65% और 2017-18 में 8.55% ब्याज दर था।
EPFO खाताधारकों के लिए खुशखबरी, जुलाई में आ सकता है PF खाते में ब्याज
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