हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है। इस दिन भोलेनाथ की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। यह व्रत एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में रखा जाता है। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। आइए जानते हैं जून माह में कब- कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत…
जून माह में प्रदोष व्रत
- 7 जून, 2021, सोमवार- सोम प्रदोष व्रत
- 22 जून, 2021, मंगलवार- भौम प्रदोष व्रत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। इस माह में सोमवार और मंगलवार को प्रदोष व्रत पड़ रहा है।
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सोमवार और मंगलवार प्रदोष व्रत महत्व
- सोमवार को प्रदोष व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से स्वास्थ्य लाभ होता है।
प्रदोष काल में की जाती है पूजा
- प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है।
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प्रदोष व्रत पूजा- विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- अगर संभव है तो व्रत करें।
- भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
- भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
- इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
- भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
- भगवान शिव की आरती करें।
- इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
प्रदोष व्रत पूजा- सामग्री
- अबीर
- गुलाल
- चंदन
- अक्षत
- फूल
- धतूरा
- बिल्वपत्र
- जनेऊ
- कलावा
- दीपक
- कपूर
- अगरबत्ती
- फल
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