Putrada Ekadashi Parana : कल इस समय तक कर लें पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण, नोट कर लें शुभ मुहूर्त
Putrada ekadashi Parana Time : हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार द्वादशी तिथि की समाप्ति से पहले व्रत का पारण कर लेना चाहिए। आइए जानते हैं पुत्रदा एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त-
- पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 06:32 ए एम से 08:29 ए एम तक, 19 अगस्त
- पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 06:32 ए एम
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हरि वासर पर न करें व्रत का पारण
- हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है। हरि वासर के दौरान व्रत का पारण नहीं करना चाहिए। व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाना चाहिए।
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए करें ये आरती
- भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए भगवान विष्णु की ये आरती जरूर करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान की आरती करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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भगवान विष्णु जी की आरती…
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥
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