Rajat Sharma’s Blog: फेसबुक, ट्विटर, गूगल सबको भारत की डिजिटल संप्रभुता का सम्मान करना ही पड़ेगा – रवि शंकर प्रसाद

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Rajat Sharma Blog, Ravi Shankar Prasad, Rajat Sharma Interview Ravi Shankar Prasad - India TV Hindi

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India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

भारत में इन दिनों लोगों के मन में इस बात को लेकर फिक्र है कि कहीं व्हॉट्सएप, फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन्द तो नहीं हो जाएंगे? व्हाट्सएप के 53 करोड़ यूजर्स को लगता है कि कहीं ये ग़ायब तो नहीं हो जाएगा? फेसबुक यूज करने वाले 41 करोड़ लोग सोच रहे हैं कि नई गाइडलाइन्स की वजह से ये भारत में बंद तो नहीं हो जाएगा? भारत में ट्विटर का इस्तेमाल सिर्फ पौने दो करोड लोग करते हैं, उन्हें डर है कि ट्विटर की सरकार के साथ तकरार चल रही है, इसके कारण कहीं ट्विटर का बोरिया बिस्तर गोल तो नहीं हो जाएगा? असल में तीन महीने पहले व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर और सोशल मीडिया के बाकी सारे प्लेटफॉर्म्स को, जिनमें गूगल भी शामिल है,  गाइडलाइल्स जारी की गई थी। 25 मई तक सारी सोशल मीडिया कंपनियों को अपने यहां ऐसे नोडल ऑफीसर्स अप्वाइंट करने थे, जिनके पास लोग शिकायत कर सकें, उन्हें ऐसे लोग नियुक्त करने थे जो जवाबदेह हों। इन सभी को चीफ कॉम्पलायंस अफसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेजीडेंट ग्रिवांस अफसर नियुक्त करने हैं। ये सभी अफसर  जनता से शिकायत मिलने पर 15 दिन में उसका निवारण करने के लिए बाध्य होंगे। पब्लिक की शिकायतों के लिए सैल्फ रेगुलेशन भी लागू करना था। शुक्रवार को गूगल, व्हॉट्सएप और फेसबुक इस बात पर  तैयार हो गए कि वे नए IT Regulations का पालन करेगं, लेकिन ट्विटर ने कहा कि वह एक वकील को बाहरी कंसलटेंट के तौर पर नियुक्त करेगा, लेकिन सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। अब तक Linked in, Telegram, Google, WhatsApp और Facebook ने IT मंत्रालय को अपने chief compliance officer, nodal contact person और grievance officer के नाम भेज दिये हैं। अभी Twitter अपने कड़े रुख पर कायम है और उसने सरकार पर आरोप लगाया कि वह बोलने की आज़ादी को छीनने की कोशिश कर रही है। हमने शुक्रवार को आज की बात शो में IT और संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद से बातचीत की। रवि शंकर प्रसाद ने दो-टूक शब्दों में कहा कि ट्विचर इधर उधर की बात न करे, भारतीय कानून का पालन करे। उन्होने साफ कहा कि भारत की डिजिटल संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं होगा।

रवि शंकर प्रसाद ने कहा, अगर कोई विदेशी कंपनी हमारे देश में कारोबार करेगी, पैसा कमाएगी, तो उसे भारत का कानून मानना होगा। उन्होने सवाल किया कि क्या ट्विटर,फेसबुक या गूगल के अफसर बुलाने पर अमेरिका की सीनेट के सामने पेश नहीं होते? क्या ये कंपनियां हाउस ऑफ कॉमन्स के सामने अपने प्रतिनिधि नहीं भेजती? जिन देशों में कारोबार करती हैं, उनके कानून मानती हैं, तो फिर भारत के कानून मानने में क्यों आनाकानी? ये दोहरा मापदंड क्यों?  रवि शंकर प्रसाद ने ये भी सवाल किया कि जब फेसबुक और व्हाटसएप जैसी कंपनियां यूजर्स का डाटा एक दूसरे के साथ शेयर कर सकती हैं, तो फिर आपराधिक मामलों की जांच के लिए, क्रीमिनल केसेज़ के लिेए डेटा सरकारी एजेंसियों के साथ शेयर क्यों नहीं कर सकती? और सबसे बड़ी बात ये कि अगर सोशल मीडिया कंपनियां खुद को फैसिलिटेटर मानती हैं, अगर ये इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म हैं, तो फिर इन्हें कन्टेंट के साथ छेड़छाड़ करने का हक कैसे हो सकता है? कौन सही है, कौन गलत इसका फैसला करने का हक इन्हें कैसे हो सकता है?


 

रविशंकर प्रसाद ने ये भी कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स पर अगर कोई गलत बात लिखता है, कोई भड़काऊ मैटेरियल पोस्ट करता है, तो कंपनियों के खिलाफ मुकदमा नहीं होता, उन्हें पार्टी नहीं बनाया जाता, लेकिन अगर कंपनी सही या गलत का खुद फैसला करती है, खुद ही पार्टी बनती है, तो फिर उसे जांच एजेसियों को बताना पड़ेगा कि उसने किस आधार पर फैसला किया। न तो इसमें कुछ गलत है और न ही इसमें अभिव्यक्ति की आजादी कहां छिनती है।

ट्विटर ने जिस तरह के तर्क दिए, जिस तरह से भारत सरकार की गाइडलाइन्स को हल्के में लिया है, उसे ठीक नहीं माना जाना चाहिए और मुझे खुशी है कि रविशंकर प्रसाद ने जिस सख्त लहजे में ट्विटर को मैसेज दिया है, वह जरूरी भी था क्योंकि भारत सरकार द्वारा बनाए गए कानून की अनदेखी की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। इस देश की संप्रभुता, इस देश का संविधान, इस देश का कानून सबसे ऊपर है।

 

पेश है, ‘आज की बात’ में IT, संचार और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मेरी बातचीत –

 

सवाल – हमारे देश में 76 करोड़ से ज्यादा स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने वाले लोग हैं, फेसबुक और व्हाट्सएप लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल है, अब लोगों को लग रहा कि आपकी सरकार व्हाट्सएप को बंद  करा देगी?

रवि शंकर प्रसाद – रजत जी, मैं आपके माध्यम से देश के लोगों को बता देता हूं, व्हाट्सएप का सामान्य उपयोग करने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी, उनका न कोई काम रुकेगा,  न उनके विचारों को रोका जाएगा। हम व्हाट्सएप से क्या कह रहे हैं, बहुत छोटी सी बात कह रहे हैं। ऐसा एक मैसज जो लोगों में सर्कुलेट होता है, जिसके कारण जो अपराध होता है, जो देश की सुरक्षा के संबंध में है, या किसी महिला के सम्मान को ठेस पहुंच रहा है, रेप जैसी चीजों को, और बच्चों को साथ यौन हिंसा को बढावा दे रहा है, ऐसी हिंसा के खिलाफ, ये खुराफात किसने शुरू की, ये आपको बताना पड़ेगा। मैसेज नही खोलना है क्योकि वो तो पहले ही लोगों के बीच में है।  मॉब लिंचिंग के मैसेज, दिल्ली में दंगे हुए तो लोग बताते है कि कितने मैसेज तो सरहद के पार से यहां के बता कर फैलाए गए, और अगर बाहर से कोई मैसेज आता है तो भारत में ये खुराफात किसने की ये आपको बताना पड़ेगा। ये आप अमेरिका, इंग्लैंड में बताते हैं, कनाडा के कहने पर बताते हैं और यहां आप निजता की बात करते हैं। हम राइट टू प्राइवेसी का पूरा सम्मान करते हैं, सुप्रीम कोर्ट के  फैसले के बाद मैंने खुद सरकार की तरफ से पीसी की थी, हम जजमेंट का सम्मान करते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले में लिखा है आतंकवादी को, किसी भ्रष्ट को, किसी अपराधी को निजता का अधिकार नहीं है, वरना तो अपराध पर नियंत्रण हो ही नहीं पाएगा। 

सवाल- उनका तो ये कहना है कि व्हाट्सएप के जो नए रूल्स संविधान के ख़िलाफ़ हैं…प्राइवेसी के लिए खतरा हैं…DANGEROUS INVASION OF PRIVACY… ये कहा उन्होंने…

रवि शंकर प्रसाद- व्हाट्सएप ने जो नई प्राइवेसी पॉलिसी घोषित की है, उसमें इस बात का प्रावधान है कि हम लोगों के डेटा को व्हाट्सएप और अन्य बिजनेस प्लेटफॉर्म से शेयर करेंगे, उस समय आपकी प्राइवेसी पॉलिसी कहां चली जाती है। रजत जी, आपको याद होगा जब फेसबुक ने कैम्ब्रिज एनालिटिका को 5 लाख डेटा दे दिया था भारत का, उस वक्त मैंने ही सीबीआई जांच के लिए कहा था, बाद में वो कंपनी ही बंद हो गई थी, क्या कोई ऐसी खुराफात कर रहा है जिससे आतंकवाद आगे बढ़ रहा है, महिला की इज्जत पर बात आ रही है,  रेप दिखाया जा रहा है, दंगे बढ़ाए जा रहे हैं, उस वक्त निजता होगी या लोगों की सुरक्षा।

सवाल- लेकिन व्हाट्सएप और फेसबुक आपस में जुड़ी हुई कंपनियां हैं, उनके डेटा शेयर करने से क्या नुकसान हो जाएगा?

रविशंकर प्रसाद – दोनों जुड़ी हुई कंपनियां भले हो, लेकिन आप तो व्हाट्सएप कर रहे हैं ना?  व्हाट्सएप अलग है जिस पर आप मैसेज करते हैं वो आप किसी दूसरे को कैसे दे सकते हैं? तब तो कई आपकी सिस्टर कंपनियां होंगी। हमारा साफ कहना है इन चार चीजों को ले कर जो लोगों के बीच है, अगर उसमें कोई अपराध होता है तो उस अपराध को लेकर आपको उसका ओरिजिन बताना होगा। रजत जी, आप मुझे ये बताएं कि दिल्ली में जो सीएए के वक्त दंगे हुए थे, उनमें व्हाट्सएप के भडकाऊ संदेशों का रोल था या नहीं? लोग मारे गए, चीजों का नुकसान हुआ…

सवाल- आपकी बात सही है बहुत जगहों पर मॉब लिंचिंग की घटना हुई, व्हाट्सएप से जो मैसेज फैले उसकी वजह से हुए., आपकी ये बात ठीक है।

रवि शंकर प्रसाद- रजत जी, मेरे पास तो सारी खबरें आती हैं। दक्षिण भारत में एक महिला को जला कर मार दिया गया, क्योंकि व्हाट्सएप पर एक मैसेज वायरल हो गया था कि वो बच्चा चोरी करने वाली है। क्या ये सच्चाई है?  अब आप बताएं एक मां जो मेरे पास रोज कहती है की मेरी बेटी का एक्स ब्वॉयफ्रेंड उसकी गलत फोटो को लोगों तक पहुंचा रहा है तो क्या मुझे खामोश रहना चाहिए? ये बड़े सवाल हैं। आपने ट्विटर की बात की,  भारत की डिजिटल संप्रभुता पर हम समझौता नहीं करेंगे। ट्विटर लद्दाख को चीन का हिस्सा बता कर मैप चला देगा? 10 दिन लगाएंगे उसको हटाने में? वाशिंगटन में व्हाइट हाउस पर हमला होने पर ट्रंप का एकाउंट बंद कर देते हैं।  भारत में लोग जब किसान आंदोलन पर तलवार लहराते हुए चढ़ जाएंगे लाल किले पर और पुलिस पर हमला करेंगे तो कहेंगे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हैं? लाल किला भी हमारा गौरव है,  प्रधानमंत्री जी वहां झंडा फहराते हैं, ये है दौहरे मापदंड।

सवाल- लेकिन ट्विटर को लेकर आपने बहुत सख्त भाषा का प्रयोग किया है। आपने कहा कि भारत को बदनाम करने की कोशिश की गई।

रवि शंकर प्रसाद – तो और क्या किया गया? ये हैशटैग मोदी क्या था? उसमें बाहर से टूलकिट आया था या नहीं? आप मुझे बताएं। आपने खुद दिखाई थी खबर, लगभग सौ, सवा सौ करोड़ इन सब प्लेटफार्म के यूजर हैं भारत में। आप भारत में व्यापार करें, लोगों को बोलने का अधिकार दें,  हम उसके ख़िलाफ़ नही हैं। भारत के प्रधानमंत्री की, रवि शंकर प्रसाद की,  सबकी आलोचना कर सकते हैं,  लेकिन अगर आप भारत के संबंध में दोहरे मापदंड लगाएंगे तो नहीं चलेगा। आपको भारत का कानून मानना पड़ेगा।  भारत का संविधान मानना पड़ेगा। ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह नही चलेगा। लोग कहते थे, कहां शिकायत करे? न कोई नाम है, न नम्बर है।

सवाल – ट्विटर के लोग कह रहे हैं कि सरकार उनको पुलिस के जरिए डराने-धमकाने की कोशिश कर रही है।

रविशंकर प्रसाद – दिल्ली पुलिस इसका जवाब दे चुकी है। कांग्रेस पार्टी ने एक शिकायत की टूलकिट के ख़िलाफ़। अब वो इससे भाग रहे हैं, उसकी जांच चल रही है। भारत के कानून के अनुसार अगर किसी चीज में जांच चल रही है तो किसी भी संस्था या व्यक्ति का काम है उसमें सहयोग करें। तो पुलिस ने उनको धमकाया नहीं बल्कि जा कर पूछा कि अगर आपके पास कुछ है इस बारे में, तो आकर बताएं। जांच में सहयोग क्यों नही करेंगे?

सवाल – अगर ऑफिस में पुलिस आएगी तो क्या डरेंगे नहीं?

रविशंकर प्रसाद – पुलिस ने आपको समन दिया। आप पेश नहीं होते हैं तो पुलिस आपको समन के बारे में बताती है तो इसमें क्या गलत है? मैं फिर कहता हूं,  ट्विटर सहित सारे लोग, भारत में व्यापार करें, स्वागत है, लेकिन भारत का संविधान और कानून मानना पड़ेगा.

सवाल- मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं, भारत में अगर काम करेंगे तो संविधान मानना पड़ेगा. कानून मानना पड़ेगा, बात सही है आपकी, लेकिन ट्विटर ने कहा कि उन्होंने बहुत सारे फैक्ट चेकर रखे हुए हैं, वो फैक्ट्स की जांच करते हैं…

रविशंकर प्रसाद – अब देखिए रजत जी, आप ने बात शुरू की है तो मुझे बोल लेने दीजिए. ट्विटर एक प्लेटफ़ॉर्म है



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