डिजिटल डेस्क, दुशांबे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। इस दौरान जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति का एकतरफा बदलाव अस्वीकार्य है और सामान्य द्विपक्षीय संबंध सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की बहाली पर निर्भर करेगा। जयशंकर ने पिछले सितंबर के बाद से अपनी पहली व्यक्तिगत बैठक के दौरान वांग को भारत की स्थिति से स्पष्ट रूप से अवगत कराया।
इस मीटिंग के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, दुशांबे एससीओ फॉरेन मिनिस्टर्स मीटिंग की साइडलाइन पर चीन के स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ एक घंटे की द्विपक्षीय बैठक की। चर्चा पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ बचे हुए मुद्दों पर केंद्रित थी। जयशंकर ने लिखा, ‘इस बात पर प्रकाश डाला कि यथास्थिति का एकतरफा परिवर्तन स्वीकार्य नहीं है। हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की पूर्ण बहाली आवश्यक है। वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की शीघ्र बैठक बुलाने पर सहमति बनी।’
पिछले महीने, भारत ने फिर से सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों को इकट्ठा करने और एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के प्रयास के लिए चीन को दोषी ठहराया था। इसके साथ ही भारत ने चीन के उस दावे को भी खारिज किया था जिसमें उसने भारत की नीतियों को तनाव का जिम्मेदार बताया था। फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर दोनों देश सैनिकों के पीछे हटाने के लिए तैयार हुए थे। लेकिन इसके बाद से डिसएंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन की प्रोग्रेस में कमी आई है।
गतिरोध शुरू हुए एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी 11 दौर की सैन्य वार्ता और आठ दौर की कूटनीतिक वार्ता के बाद भी सैनिकों को हटाया जाना अभी बाकी है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने एलएसी पर सैनिकों और भारी उपकरणों की तैनाती जारी रखी है और पहली बार जॉइंट एयर डिफेंस सिस्टम की स्थापना करते हुए आर्मी की एयर डिफेंस यूनिटों को अपनी एयरफोर्स कमांड सिरीज में शामिल किया है।
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