Shani Amavasya 2021 : वर्ष की दूसरी शनिश्चरी अमावस्या पर आज सुबह से मंदिरों में शनि देव के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है। पंचामृत स्नान, तिल-तेल से शनि देव का अभिषेक किया जा रहा है। शनि चालीसा का पाठ हो रहा है। इस दिन दान और स्नान से जीवन के सभी पाप दूर होते हैं। आपको बता दें कि साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या 13 मार्च को थी जबकि अंतिम 4 दिसंबर को होगी।
पंडित केदार नाथ मिश्रा ने बताया कि इस दिन श्रद्धा के मुताबिक दान करने का संकल्प लेना चाहिए। फिर जरुरतमंद लोगों को दान देना चाहिए। इस दिन तेल, जूते-चप्पल, लकड़ी का पलंग, छाता, काले कपड़े और उड़द की दाल का दान करने से कुंडली में मौजूद शनि दोष खत्म हो जाता है।
जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है उन्हें सरसों के तेल में अपनी परछाईं देखकर दान करना चाहिए। दरवाजे पर काले घोड़े की नाल लगाएं और कुत्ते को रोटी खिलाएं और शाम को पश्चिम की ओर तेल का दीपक जलाएं ‘ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र पढ़ते हुए परिक्रमा करने से लाभ होता है।
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