शनि का राशि परिवर्तन होने के साथ ही कुछ राशि वालों के जीवन में खुशियां आएंगी, तो कुछ राशियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। शनि 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे। जिससे मिथुन और तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। जबकि दो राशियां कर्क और वृश्चिक पर शनि ढैय्या शुरू हो जाएगी।
शनि की ढैय्या क्या होती है?
जब शनि का गोचर चौथे या आठवें भाव में होता है तो शनि की ढैय्या शुरू होती है। शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वालों को इस दौरान सभी काम सतर्कता के साथ करने चाहिए। शनि ढैय्या के कारण व्यक्ति के बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं। इस दौरान वाद-विवाद से भी बचना चाहिए।
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कुंडली में शनि के ढैय्या के प्रमुख लक्षण-
इस दौरान जातक को ज्यादा नींद आ सकती है। बार-बार लोहे से चोट लग सकती है। संपत्ति विवाद में भी फंस सकते हैं। किसी गरीब व्यक्ति से वाद-विवाद हो सकता है। तरक्की में बाधा आ सकती है। बुरी आदतों की लत पड़ सकती है। कर्ज में डूब सकते हैं।
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शनि ढैय्या से बचाव के उपाय-
शनि ढैय्या के दौरान व्यक्ति को धैर्य से काम लेना चाहिए। इस दौरान दोस्ती करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। हर दिन चिड़ियों को पानी और दाना खिलाना चाहिए। इसके अलावा चीटियों को मीठा खिलाने से भी लाभ होता है। काली उड़द, काले वस्त्र, तिल आदि का दान करना चाहिए। शनि ढैय्या के दौरान मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। हनुमान जी की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनि मंत्रों का जाप करना चाहिए। पीपल के वृक्ष के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
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