Sheetala Ashtami 2021: शीतला अष्टमी कब है? इस दिन क्यों खाते हैं बासी खाना, जानिए महत्व व पूजा विधि

0
12
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

शीतला अष्टमी का विशेष महत्व होता है। शीतला अष्टमी व्रत हर साल होली के आठवें दिन मनाई जाती है। इस साल शीतला अष्टमी 4 अप्रैल को है। कृष्ण पक्ष की इस शीतला अष्टमी को बसौड़ा या शीतलाष्टमी कहा जाता है। शीतला माता को अष्टमी के दिन बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन बासी भोजन करने से शीतला माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

सभी कष्टों को दूर करती हैं माता-

शीतला अष्टमी के बाद से ही ग्रीष्मकाल का आरंभ हो जाता है। इसलिए शीतला माता के स्वरूप को शीतलता प्रदान करने वाला माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन शीतला माता की विधि-विधान से पूजा करने वालों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही अरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शीतला माता के आशीर्वाद से चेचक, खसरा व नेत्र विकार ठीक होने की मान्यता है। 

शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त-

शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त – 06:08 AM से 06:41 PM
अवधि – 12 घण्टे 33 मिनट।
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 04, 2021 को 04:12 AM बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – अप्रैल 05, 2021 को 02:59 AM बजे।

सोमवती अमावस्या पूजन के बाद करें ये उपाय, सुख-समृद्धि मिलने की है मान्यता

शीतला अष्टमी की पूजा विधि-

-सबसे पहले शीतला अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर नहा लें।  
-पूजा की थाली में दही, पुआ, रोटी, बाजरा, सप्तमी को बने मीठे चावल, नमक पारे और मठरी रखें।
-दूसरी थाली में आटे से बना दीपक, रोली, वस्त्र, अक्षत, हल्दी, मोली, होली वाली बड़कुले की माला, सिक्के और मेहंदी रखें। 
-दोनों थालियों के साथ में ठंडे पानी का लोटा भी रख दें। 
-अब शीतला माता की पूजा करें। 
-माता को सभी चीज़े चढ़ाने के बाद खुद और घर से सभी सदस्यों को हल्दी का टीका लगाएं।
-मंदिर में पहले माता को जल चढ़ाकर रोली और हल्दी का टीका करें।
-माता को मेहंदी, मोली और वस्त्र अर्पित करें। 
-आटे के दीपक को बिना जलाए माता को अर्पित करें।
-अंत में वापस जल चढ़ाएं और थोड़ा जल बचाकर उसे घर के सभी सदस्यों को आंखों पर लगाने को दें। बाकी बचा हुआ जल घर के हर हिस्से में छिड़क दें।
-इसके बाद होलिका दहन वाली जगह पर भी जाकर पूजा करें। वहां थोड़ा जल और पूजन सामग्री चढ़ाएं।
-घर आने के बाद पानी रखने की जगह पर पूजा करें।
-अगर पूजन सामग्री बच जाए तो गाय या ब्राह्मण को दे दें।

Source link

  • टैग्स
  • basoda
  • basoda 2021
  • basoda 2021 date
  • basoda 2021 date in india
  • basoda festival
  • basoda kab ka hai 2021
  • hindi news
  • Hindustan
  • news in hindi
  • Sheetala ashtami
  • Sheetala ashtami 2021
  • sheetala ashtami 2021 date
  • sheetala ashtami in 2021
  • sheetala ashtami kab hai 2021
  • sheetala mata
  • sheetla ashtami march 2021 date
  • sheetla mata
  • sheetla mata ki kahani
  • sheetla saptami 2021
  • shitala saptami 2021 date
  • shitla mata
  • shitla satam 2021
  • shitla satam 2021 date india
  • shitlashtami 2021
  • sitala puja 2021
  • sitla ashtami 2021
  • दशा माता की कथा
  • बसौड़ा अष्टमी
  • बसौड़ा शीतला माता
  • बांसवाड़ा कब का है
  • शीतला अष्टमी
  • शीतला अष्टमी 2021
  • शीतला अष्टमी कब है
  • शीतला अष्टमी तारीख
  • शीतला अष्टमी व्रत विधि
  • शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त
  • शीतला माता
  • शीतला माता का भजन
  • शीतला माता की आरती
  • शीतला माता की कथा
  • शीतला माता की कहानी
  • शीतला माता के भजन
  • शीतला सप्तमी कब है
  • हिन्दुस्तान
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp
पिछला लेखफुटबॉलर मेसी के हमशक्ल को देख खुश हुए अनाथालय के बच्चे, सेल्फी खिंचवायी, फुटबॉल खेल
अगला लेखMS Dhoni ने लॉन्च की CSK की नई Jersey, तो Ravindra Jadeja ने रख दी स्पेशल डिमांड
Team Hindi News Latest

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here