धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मां सीता का जन्म हुआ था। मां सीता के जन्मोत्सव को सीता नवमी या जानकी नवमी के नाम से जाना जाता है। माता सीता को मां जानकी नाम से भी जाना जाता है। माता सीता भगवान श्री राम की धर्मपत्नी हैं और अपने त्याग और समर्पण के लिए पूजनीय हैं। सीता नवमी का पर्व बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखती हैं। आइए जानते हैं सीता नवमी तिथि, पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व…
सीता नवमी तिथि
- इस साल 21 मई, 2021, शुक्रवार को सीता नवमी का पावन पर्व मनाया जाएगा।
सीता नवमी शुभ मुहूर्त
- नवमी तिथि प्रारंभ- 20 मई दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से
- नवमी तिथि समाप्त- 21 मई सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर।
सीता नवमी पूजा- विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- घर के मंदिर की साफ-सफाई करें।
- मंदिर में साफ- सफाई करने के बाद दीप प्रज्वलित करें।
- देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- माता सीता का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- माता सीता के साथ भगवान राम का भी ध्यान करें।
- अगर आप व्रत कर सकते हैं तो व्रत का संकल्प लें।
- इस दिन माता सीता और भगवान राम की आरती अवश्य करें।
- भगवान राम और माता सीता को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है।
- इस पावन दिन हनुमान जी का भी अधिक से अधिक ध्यान करना चाहिए।
महत्व
- सीता नवमी के दिन व्रत रखने का बहुत अधिक महत्व होता है।
- इस पावन दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखती हैं।
- माता सीता की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
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