Som Pradosh Vrat 2021: जून का पहला प्रदोष व्रत कल यानी 07 जून 2021, दिन सोमवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सोमवार को सुबह 08 बजकर 48 मिनट तक द्वादशी है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लगेगी। प्रदोष व्रत हर माह के त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। त्रयोदशी तिथि भगवान शंकर को समर्पित होती है। ऐसे में इस दिन शिव परिवार की पूजन का विधान है। इस दिन भक्त भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना करने के साथ ही व्रत भी रखते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की प्रदोष काल में पूजा लाभकारी मानी जाती है। सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक का समय प्रदोष काल कहा जाता है। मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शंकर की पूजा करने से बिगड़े काम बन जाते हैं। इसके साथ ही घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। भगवान शंकर निरोगी होने का आशीर्वाद देते हैं।
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सोम प्रदोष व्रत के दिन सूर्य व चंद्रमा की स्थिति-
प्रदोष व्रत के दिन चंद्रमा मेष राशि व सूर्य वृषभ राशि में संचार करेंगे। सूर्योदय सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 06 बजकर 37 मिनट पर होना है। प्रदोष व्रत के दिन अतिगण्ड योग बन रहा है। शास्त्रों में इस योग को अच्छे कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है।
सोम प्रदोष व्रत 2021 पूजा मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 03:34 ए एम से 04:16 तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:20 ए एम से 12:14 पी एम तक।
विजय मुहूर्त- 02:03 पी एम से 02:58 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:23 पी एम से 06:47 पी एम तक।
अमृत काल- 12:10 ए एम, जून 08 से 01:59 ए एम, जून 08 तक।
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इन मुहूर्त में न करें भगवान शिव की पूजा-
राहुकाल- 06:40 ए एम से 08:22 ए एम तक।
यमगण्ड- 10:04 ए एम से 11:47 ए एम तक।
गुलिक काल- 01:29 पी एम से 03:12 पी एम तक।
वर्ज्य- 01:19 पी एम से 03:08 पी एम तक।
दुर्मुहूर्त- 12:14 पी एम से 01:09 पी एम तक।
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