चेन्नई में नजर नहीं आई Virat Kohli की मारक कप्तानी, टॉस हारते ही कमजोर दिखी बॉडी लैंग्वेज

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इंग्लैंड (England) के खिलाफ चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच में विराट कोहली (Virat Kohli) की मारक कप्तानी देखने को नहीं मिली, जिसका इंग्लैंड (England) ने पूरा फायदा उठाया और टीम इंडिया (Team India) को 227 रनों से करारी शिकस्त दे दी. बतौर कप्तान विराट कोहली बिल्कुल अलग शख्सियत हैं. विराट कोहली अपने आक्रामक तेवर के लिए जाने जाते हैं. बल्लेबाजी हो या कप्तानी विराट कोहली अपना तेवर बरकरार रखते हैं. वह आक्रामक हैं और अपनी भावनाएं छिपाते नहीं. 

आक्रामकता ही विराट कोहली (Virat Kohli) का सबसे बड़ा हथियार है, जिससे वह विरोधी टीमों में खौफ पैदा करते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई (Chennai) में खेले गए पहले टेस्ट मैच में टॉस हारते ही कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) की बॉडी लैंग्वेज कमजोर दिखाई दी. टॉस हारते ही टीम इंडिया ने मैच में अच्छा प्रदर्शन करने का जज्बा ही नहीं दिखाया.

इंग्लैंड (England) के खिलाफ टॉस हारना भारत (Team India) को भारी पड़ गया. इस मैच के नतीजे के लिहाज से टॉस जीतना इंग्लैंड (England) के लिए काफी अहम रहा. चेन्नई की पिच पहले दो दिन बल्लेबाजी के लिए काफी बेहतर थी, जिसका इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने जमकर फायदा उठाया और पहली पारी में भारत (Team India) के सामने 578 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया. 

तीसरे दिन भारत की जब बैटिंग आई तो चेन्नई (Chennai) की पिच टूटने लगी और स्पिन गेंदबाजों को काफी मदद मिलने लगी. इंग्लैंड ने भारत को उसकी पहली पारी में 337 रन पर आलआउट करके 241 रनों की बढ़त ले ली. इंग्लैंड ने इसके बाद अंत में भारत के सामने जीत के लिए 420 रनों का लक्ष्य रख दिया, जिसके जवाब में टीम इंडिया बिखर गई.  

कमजोर बॉडी लैंग्वेज का असर कोहली की कप्तानी में भी दिखाई दिया, जिससे टीम इंडिया को अपने ही घर में मुंह की खानी पड़ी. कहां तो बात थी कि भारत इस सीरीज में इंग्लैंड को कहीं का नहीं छोड़ेगा, कहां इंग्लैंड ने टीम इंडिया को धूल चटा दी. अपनी पिच पर, अपने घर में, पहले ही मैच में टीम इंडिया की ये हार किसी भी भारतीय फैन को मंजूर नहीं है. ये ठीक है कि भारत यहां से भी सीरीज जीत सकता है, शायद जीतेगा भी. लेकिन क्या अपनी गलतियों से सीखेगा भी, ये बड़ा सवाल है.

टीम इंडिया (Team India) को फील्डिंग में भी सुधार करने की जरूरत है. यह सिर्फ परफॉर्मन्स की बात नहीं बल्कि एटीट्यूड की भी बात है. विराट कोहली को अब बतौर कप्तान लगातार चार टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा है, ऐसे में उन्हें बीती बातें भूलकर टीम का मनोबल उठाना चाहिए, अगला टेस्ट मैच 13 फरवरी से चेन्नई के मैदान पर ही खेला जाएगा. 





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