Survey Report: 53 % लोगों ने माना भारत जल्दी अनलॉक किया गया, 45 फीसदी लोगों ने कहा- तीसरी लहर का सेंटर पाइंट बनेगा केरल

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के अधिकांश लोगों का मानना है कि देश में अनलॉक की प्रक्रिया बहुत जल्द और काफी तेजी से अमल में लाई गई है। आईएएनएस सी वोटर लाइव ट्रैकर में यह बात सामने आई है और सरकार ने भी हिल स्टेशनों पर एकाएक बढ़ी भीड़ पर चिंता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पर्यटन स्थलों पर भीड़ चिंताजनक है।

सर्वे के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या भारत बहुत जल्दी और काफी तेजी से खुल रहा है, तो इस पर 53.31 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया, जबकि 34.34 प्रतिशत ने कहा कि भारत बहुत तेजी से नहीं खुल रहा है, लेकिन लोग लापरवाह हो रहे हैं। अन्य राज्यों के मुकाबले केरल में कोरोना के मामले तेजी से कम नहीं हो रहे हैं। ट्रैकर में एक सवाल यह भी पूछा गया कि क्या केरल भारत में तीसरी कोविड लहर का केंद्र बन सकता है, इस पर 45.97 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया और 35.91 प्रतिशत ने नहीं में जवाब दिया।

यह सर्वे 1314 लोगों के बीच किया गया। भारत में सीवोटर न्यूजट्रैकर सर्वेक्षण एक राष्ट्रीय प्रतिनिधि या²च्छिक संभाव्यता नमूने पर आधारित हैं, जैसा कि विश्व स्तर पर मानकीकृत आरडीडी सीएटीआई पद्धति में उपयोग किया जाता है, जो सभी राज्यों में सभी भौगोलिक और जनसांख्यिकीय क्षेत्रों को कवर करता है।

यह दैनिक लाइव ट्रैकर सर्वेक्षण सभी सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों में वयस्क (18 प्लस) उत्तरदाताओं के साक्षात्कार पर आधारित है। डेटा को ज्ञात जनगणना प्रोफाइल पर भारित किया जाता है। त्रुटि का मानक मार्जिन : राष्ट्रीय प्रवृत्तियों पर प्लस/माइनस तीन प्रतिशत और क्षेत्रीय/जोनल प्रवृत्तियों पर प्लस/माइनस पांच प्रतिशत आत्मविश्वास के स्तर के साथ 95 प्रतिशत है। प्रत्येक रिपोर्ट में नमूना आकार और फील्ड कार्य तिथियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है।

ट्रैकर में 50.56 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि अनुराग ठाकुर और किरेन रिजिजू जैसे छोटे राज्यों के युवा नेता राष्ट्रीय नेता बनने की उम्मीद कर सकते हैं, यहां तक कि कुछ साल बाद प्रधानमंत्री के लिए भी उम्मीद की जा सकती है। वहीं 35.67 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि अनुराग ठाकुर और किरेन रिजिजू जैसे छोटे राज्यों के युवा नेताओं के लिए राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरना बहुत मुश्किल है और कुछ साल बाद उनका प्रधानमंत्री बनना और भी मुश्किल है।

इसके अलावा 45.61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि युवा भारत को युवा राजनेताओं और युवा मंत्रिमंडल की जरूरत है, जबकि 41.56 प्रतिशत ने कहा कि भारत को सिर्फ युवा राजनेताओं और युवा कैबिनेट की जरूरत नहीं है, बल्कि युवा और अनुभवी नेताओं के संयोजन की जरूरत है। सर्वेक्षण में एक सवाल पर कि क्या भारत को सेवानिवृत्त राजनेताओं के बजाय राज्यपाल के रूप में युवा और गतिशील नेताओं की जरूरत है, 51.05 प्रतिशत ने हां कहा, जबकि 37.65 प्रतिशत ने कहा कि भारत को राज्यपालों का पद धारण करने के लिए युवा और अनुभवी राजनेताओं के संयोजन की आवश्यकता है।

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को भारतीय कानूनों का पालन नहीं करने के लिए ट्विटर पर कार्रवाई करनी चाहिए, 70 प्रतिशत से अधिक लोगों ने हां कहा। अधिकतर लोग अभी भी मास्क पहनने को लिए जागरुक हैं, क्योंकि सर्वे के दौरान 75.06 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जब वे बाहर जाते हैं तो वे मास्क पहनते हैं, जबकि 18.31 प्रतिशत ने कहा कि वे मास्क नहीं पहनते हैं।

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