हर महीने में एक बार अमावस्या पड़ती है। कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस समय वैशाख का महीना चल रहा है, जिस वजह से इस बार पड़ने वाली अमावस्या को वैशाख अमावस्या के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। कल यानी 11 मई, मंगलवार को वैशाख अमावस्या है। आइए जानते हैं, वैशाख अमावस्या पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व…
वैशाख अमावस्या का महत्व
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है।
- इस पावन तिथि पर पितर संबंधित कार्य करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है।
- इस पावन दिन दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है, लेकिन इस समय कोरोना वायरस की वजह से घर से बाहर जाने से बचें। इस समय घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
- इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
- पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
- इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
वैशाख अमावस्या मुहूर्त
- वैशाख अमावस्या तिथि आरंभ- 10 मई 2021, रात 9 बजकर 55 मिनट से
- वैशाख अमावस्या तिथि समाप्त- 11 मई को दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर।
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