हिंदू धर्म में वैशाख अमावस्या का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख अमावस्या को धर्म-कर्म और पितरों के तर्पण के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन ज्योतिषीय उपायों से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या आती है। शास्त्रों में वैशाख अमावस्या को पितरों को मोक्ष दिलाने वाली अमावस्या कहा जाता है।
वैशाख अमावस्या कब से कब तक रहेगी?
इस साल वैशाख अमावस्या 11 मई 2021 दिन मंगलवार को है। अमावस्या तिथि 11 मई से शुरू होकर 12 मई को सुबह 12 बजकर 29 मिनट रहेगी। इस दिन सौभाग्य व शोभन योग बन रहे हैं।
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सौभाग्य योग का महत्व-
ज्योतिष शास्त्र में कई शुभ योगों का वर्णन किया गया है। जैसे अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु-पुष्य योग, पुष्कर योग, त्रिपुष्कर, द्विपुष्कर योग आदि। इसी तरह सौभाग्य नाम के एक योग होता है जिसमें विवाह करना शुभ माना गया है।
शोभन योग का महत्व-
ज्योतिष शास्त्र में शोभन योग शुभ कार्यों और यात्रा पर जाने के लिए उत्तम माना गया है।कहा जाता है कि इस शुभ योग में की जाने वाली यात्रा मंगलमय एवं सुखद रहती है। यात्रा के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
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वैशाख अमावस्या के दिन क्या करें और क्या नहीं-
वैशाख अमावस्या के दिन सुबह उठकर स्नान करना उचित माना गया है। इस दिन देर तक नहीं सोना चाहिए। अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा होती है। घर के पितरों का तर्पण करना चाहिए और शुद्ध सात्विक भोजन बनाकर उन्हें भोग लगाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने पितर तृप्त होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। अमावस्या के दिन अपनी सामर्थ्य के हिसाब से दान जरूर देना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या के दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए। इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए। मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
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