इटली ने शुक्रवार को 60 साल से नीचे की उम्र वालों के लिए एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन के इस्तेमाल को रोक दिया. ये कदम 18 वर्षीय एक महिला की ब्लड क्लॉट से गुरुवार को मौत के बाद उठाया गया. कोविड-19 महामारी पर आयोजित साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसका एलान किया.
इटली में एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन पर रोक
शिन्हुआ ने रिपोर्ट दी कि 25 मई को महिला को शुरुआती डोज दिया गया था. रिपोर्ट में बताया गया कि उसका ब्लड प्लेटलेट काउंट कम था और टीकाकरण से पहले डबल हार्मोन थेरेपी पर थी. घटना के बाद पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है कि क्या उसने टीकाकरण की प्रक्रिया के दौरान इस जानकारी को साझा किया था या नहीं. फिलहाल, महिला की मौत और टीकाकरण के बीच कारण के संबंधों को स्थापित नहीं किया गया है. लेकिन, मामले ने युवाओं पर एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल पर चिंता जरूर बढ़ा दी है.
ब्लड क्लॉट से महिला की मौत के बाद फैसला
महामारी से निपटने पर इटली सरकार को सलाह देनेवाले और देश के स्पेशल कोविड-19 कमिश्नर फ्रांसेसको फिगलियोलो ने पत्रकारों को बताया, "एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन सिर्फ 60 साल से ऊपर के लोगों पर इस्तेमाल की जाएगी." उसी न्यूज कॉन्फ्रेंस में सरकार के मुख्य मेडिकल सलाहकार फ्रांको लोकेटेली ने बताया कि 60 वर्ष से कम उम्र के जिन लोगों को एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है, उनको दूसरी वैक्सीन का दूसरा डोज लेना चाहिए.
महिला की मौत का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा, "जोखिम-लाभ मूल्यांकन बदल चुका है." इससे पहले भी कई यूरोपीय देशों की तरह इटली मार्च में दुर्लभ ब्लड क्लॉट्स की चिंता के कारण, विशेषकर युवा लोगों में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से टीकाकरण पर रोक लगा चुका है. एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के साथ देश में टीकाकरण की दोबारा शुरुआत यूरोपीय दवा नियामक की सिफारिश के बाद हुई. इटली में करीब 46 फीसद लोगों को कम से कम वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है, जबकि 23 फीसद पूरी तरह टीकाकरण प्रक्रिया से पार हो चुके हैं.
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