डिजिटल डेस्क, साउथम्पटन। भारतीय टीम को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल मुकाबले से पहले भले ही इंग्लैंड में टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला हो लेकिन उसके पास यहां खेलने का न्यूजीलैंड से ज्यादा अनुभव है। भारत ने यहां इंग्लैंड के खिलाफ दो मैच खेले हैं और दोनों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि कीवी टीम के खिलाफ इसका अनुभव भारतीय टीम के काम आएगा जिसने यहां एक भी मैच नहीं खेला है।
यह पहली बार है जब दोनों टीमें ऐसे मैदान पर खेलने जा रही है जो दोनों टीमों का होम ग्राउंड नहीं है। न्यूजीलैंड को पाकिस्तान के खिलाफ यूएई में खेलने का अनुभव है लेकिन भारतीय टीम ने कभी न्यूट्रल वेन्यू पर टेस्ट मैच नहीं खेला है। ओवरऑल भारत का न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड अच्छा है। दोनों टीमों ने एक दूसरे के खिलाफ 59 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से भारत ने 21 मुकाबले जीते हैं और 12 में उसे हार मिली है। हालांकि इनमें से 16 जीत भारत को घर में मिली है। वहीं न्यूजीलैंड में खेले गए 25 टेस्ट में से उसे 10 में हार मिली और भारत ने सिर्फ पांच मैच जीते हैं।
इंग्लिश ग्राउंड पर स्विंग गेंदबाजों को मदद मिलती है जिससे न्यूजीलैंड को कुछ फायदा हो सकता है। हालांकि, स्पिनरों के लिए यह फायदमेंद हो सकता है क्योंकि पिच ड्रायर होने की उम्मीद है। भारत ने सिर्फ 2003 विश्व कप में न्यूजीलैंड को शिकस्त दी थी। अगर इस एक मौके को छोड़ दें, तो भारत आईसीसी टूर्नामेंट में न्यूट्रल वेन्यू पर न्यूजीलैंड को हरा नहीं पाया है। भारत और न्यूजीलैंड पहली बार 1975 के वनडे विश्व कप में आमने-सामने हुए थे। तब मैनचेस्टर में हुए मैच को न्यूजीलैंड 6 विकेट से जीता था।
इस मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 230 रन बनाए थे। जवाब में न्यूजीलैंड ने 6 विकेट खोकर जीत का लक्ष्य हासिल कर लिया था। भारत के लिए आबिद अली ने 70 रन बनाए थे। इसके चार साल बाद फिर से दोनों टीमें वनडे विश्व कप में भिड़ीं. इस बार मुकाबला इंग्लैंड के लीड्स में हुआ और एक बार फिर जॉन राइट(48) और ब्रूस एडगर(84) रन की पारी की बदौलत कीवी टीम ने ये मुकाबला 8 विकेट से जीता।
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