बेंजामिन नेतन्याहू (फाइल फोटो) – फोटो : Social Media
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इस्राइली युद्धक विमानों ने ईरानी ठिकानों को निशाना बनाकर मंगलवार को रातभर हमले किए। बुधवार को इस्राइल की सेना ने इसकी जानकारी दी। गोलान हाइट्स में सड़क किनारे बम छिपे होने की बात सामने आने के बाद, इजरायल ने यह कार्रवाई की। इस दौरान सेना ने ईरानी ठिकानों को निशाना बनाया।
सेना ने बताया कि तात्कालिक विस्फोटक उपकरण ईरानी बलों के नेतृत्व में एक सीरियाई दस्ते द्वारा रखे गए थे। इस्राइली ने कहा कि उसने ईरान के कुलीन वर्ग बल और सीरियाई सेना से संबंधित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें भंडारण सुविधाएं, मुख्यालय और सैन्य यौगिक शामिल हैं। इसके अलावा सीरियाई विमानभेदी मिसाइल बैटरियों पर भी हमला किया गया।
बता दें कि इस्राइल पिछले कई सालों में सीरिया में ईरान से जुड़े सैन्य ठिकानों के खिलाफ सैकड़ों हमले कर चुका है, लेकिन वह इन अभियानों की कभी चर्चा नहीं करता है। इस्राइल ईरान को अपना सबसे बड़ा खतरा मानता है और उसका कहना है कि वह सीरिया में, खासकर अपनी सीमाओं के पास स्थायी ईरानी सैन्य की उपस्थिति की स्थापना को बर्दाश्त नहीं करेगा। गौरतलब है कि इस्राइल ने 1967 में सीरिया के साथ युद्ध के बाद गोलान हाइट्स को अपने कब्जे में ले लिया था।
उस समय इलाके में रहने वाले ज्यादातर लोग अपना-अपना घर छोड़कर यहां से चले गए थे। इसके बाद सीरिया ने 1973 में फिर से मध्य पूर्व युद्ध के दौरान गोलान हाइट्स को दोबारा हासिल करने की कोशिश की लेकिन वह इसमें कामयाब ना हो सका।
इस्राइली युद्धक विमानों ने ईरानी ठिकानों को निशाना बनाकर मंगलवार को रातभर हमले किए। बुधवार को इस्राइल की सेना ने इसकी जानकारी दी। गोलान हाइट्स में सड़क किनारे बम छिपे होने की बात सामने आने के बाद, इजरायल ने यह कार्रवाई की। इस दौरान सेना ने ईरानी ठिकानों को निशाना बनाया।
सेना ने बताया कि तात्कालिक विस्फोटक उपकरण ईरानी बलों के नेतृत्व में एक सीरियाई दस्ते द्वारा रखे गए थे। इस्राइली ने कहा कि उसने ईरान के कुलीन वर्ग बल और सीरियाई सेना से संबंधित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें भंडारण सुविधाएं, मुख्यालय और सैन्य यौगिक शामिल हैं। इसके अलावा सीरियाई विमानभेदी मिसाइल बैटरियों पर भी हमला किया गया।
बता दें कि इस्राइल पिछले कई सालों में सीरिया में ईरान से जुड़े सैन्य ठिकानों के खिलाफ सैकड़ों हमले कर चुका है, लेकिन वह इन अभियानों की कभी चर्चा नहीं करता है। इस्राइल ईरान को अपना सबसे बड़ा खतरा मानता है और उसका कहना है कि वह सीरिया में, खासकर अपनी सीमाओं के पास स्थायी ईरानी सैन्य की उपस्थिति की स्थापना को बर्दाश्त नहीं करेगा। गौरतलब है कि इस्राइल ने 1967 में सीरिया के साथ युद्ध के बाद गोलान हाइट्स को अपने कब्जे में ले लिया था।
उस समय इलाके में रहने वाले ज्यादातर लोग अपना-अपना घर छोड़कर यहां से चले गए थे। इसके बाद सीरिया ने 1973 में फिर से मध्य पूर्व युद्ध के दौरान गोलान हाइट्स को दोबारा हासिल करने की कोशिश की लेकिन वह इसमें कामयाब ना हो सका।