भेदभाव का मतलब है किसी व्यक्ति से उसके रंग, लिंग, धर्म, जाति या सामाजिक स्थिति के कारण अलग बर्ताव करना। जब हम देखते हैं कि कोई बराबर अवसर नहीं पा रहा, तो वही भेदभाव है। कई बार हम अनजाने में ही ऐसा कर बैठते हैं, इसलिए इसे पहचानना पहला कदम है।
भारत में भेदभाव को रोकने के लिए कई कानून मौजूद हैं – जैसे कि भारतीय दंड संहिता की धारा 354, समान रोजगार के अवसर एक्ट, और संविधान की अनुच्छेद 15. अगर आप या आपका कोई जानने वाला इन अधिकारों का उल्लंघन देखे, तो कानूनी मदद लेनी चाहिए।
भेदभाव सिर्फ नौकरी में नहीं होता। रोज़मर्रा की जिंदगी में भी यह दिखता है – स्कूल में बच्चा भेदभाव का शिकार हो सकता है, दुकानों में कोई ग्राहक को अलग देखकर सेवा दे सकता है, या ऑफिस में प्रोमोशन में असमानता हो सकती है। अक्सर यह माइक्रोअॅग्रेसन के रूप में छोटा-छोटा टिप्पणी या झटके के रूप में सामने आता है, लेकिन असर बड़ा होता है।
अगर आप देखते हैं कि किसी को बात करने का मौका नहीं मिल रहा, या उनके विचार को नजरअंदाज़ किया जा रहा, तो यह भी एक तरह का भेदभाव है। ऐसे में आराम से पूछें – “क्या आपको कुछ कहना है?” इससे आप स्थिति को हल्का भी कर सकते हैं और सामने वाले को सम्मान भी महसूस होगा।
1. सचेत रहें – अपने शब्दों और कार्यों पर नज़र रखें। अगर आप नहीं जानते कि कुछ बात अपमानजनक है या नहीं, तो बेहतर है पहले पूछ लें।
2. समान अवसर दें – नौकरी, पढ़ाई या खेल में सभी को एक जैसा मौका दें। अगर आप प्रोजेक्ट पर दूसरों को चुनते हैं, तो योग्यता को देखना ज़रूरी है, न कि उनकी पृष्ठभूमि को।
3. शिकायत करें – अगर आप या कोई आपके साथ भेदभाव का सामना कर रहा है, तो कंपनी के HR, पुलिस या कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं। दस्तावेज़ी सबूत इकट्ठा करना मददगार रहता है।
4. सचेत समुदाय बनाएं – अपने आसपास के लोगों को भेदभाव के बारे में जागरूक करें। छोटे-छोटे वर्कशॉप या सोशल मीडिया पोस्ट बहुत असर डालते हैं।
5. अपनी आवाज़ बुलंद रखें – अगर आप किसी को गलत पहचानते हैं, तो विनम्रता से ठीक करें। “मैंने सुना कि आप ऐसा कहते हैं, लेकिन मेरा अनुभव अलग है” जैसा तरीका बातचीत को सकारात्मक रखता है।
भेदभाव को खत्म करने में हम सबका योगदान जरूरी है। जब तक हम रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी बारीकियों को नहीं समझेंगे, तब तक बड़े बदलाव की आशा मुश्किल है। आज से ही छोटे‑छोटे कदम उठाएँ और समानता की दिशा में आगे बढ़ें।
भारत में अनेक लोगों को देश और उसके नागरिकों की नफरत होने की समस्या है। इसके कई कारण हैं जैसे की भारत में भेदभाव, जातिवाद और अन्य आदि समुदायों के बीच की उल्लंघन, असमानता, अन्य देशों के साथ तनाव, देश की आरक्षण की कुशलता और देश के साथ आने वाले विदेशी लोगों के विरोध।