अगर आप या आपका कोई करीबी अचानक दुर्घटना में फँस गया तो दिल थरथराने वाला हो सकता है। लेकिन घबराने से काम नहीं बनता, पहला काम है शांत रहना और सही कदम उठाना। यहाँ हम बताएँगे कि आप किन चीज़ों को सबसे पहले करना चाहिए, ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके और आगे की चोटें बचाई जा सकें।
एजेंसी का मोबाइल नंबर तुरंत डायल करें – 112 या 100। मदद आने तक खुद को या घायल व्यक्ति को सुरक्षित जगह पर ले जाएँ। अगर जगह ख़तरनाक है (जैसे सड़क के किनारे, रेल पटरियों के पास) तो दूरी बना कर खड़े रहें। चोट लगने पर हल्की‑हल्की जाँच करें: कहीं खून तो नहीं बह रहा, हड्डी टूटी तो नहीं, या सांस रुक तो नहीं रही। अगर भारी रक्तस्राव है तो साफ़ कपड़े या बैंडेज से दबाव डालें, रक्त के बहाव को रोकने की कोशिश करें।
पेशेवर मदद पहुंचते ही उन्हें सारी जानकारी दे दें – कब, कहाँ, किस प्रकार की चोटें हुईं। यदि संभव हो तो एक छोटा नोट बनाकर नुकसान, दुर्घटना के कारण और सामने आए लोगों के नाम लिख लें; यह बाद में पुलिस रिपोर्ट या बीमा क्लेम में काम आएगा। घायल व्यक्ति को अगर बेहोशी या उलझन है तो उसे हिलाने‑डुलाने से बचें, केवल सिर को स्थिर रखें। यदि आप प्राथमिक चिकित्सा का कुछ बेसिक कोर्स जानते हैं तो उसकी मदद से बेडरूम में आराम दे सकते हैं, लेकिन याद रखें कि डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न दें।
दुर्घटना के बाद अक्सर मन में कई सवाल उठते हैं – क्या मैं ठीक से फ़ाइल कर रहा हूँ, क्या बीमा कंपनी को कब सूचित करना चाहिए, या आगे की कानूनी कार्रवाई कैसे शुरू करे। इन सवालों के जवाब के लिए तुरंत एक वकील या बीमा एजेंट से संपर्क कर लें। ज़्यादा देर तक इंतजार करने से आपका केस जटिल हो सकता है।
एक और जरूरी बात, खुद को या दूसरों को अपराधी न ठहराएँ। दुर्घटना अक्सर अनिच्छा से होती है, और सबसे बड़ी मदद शांति व स्पष्ट सोच से मिलती है। अगर आप ट्रैफिक या रेलवे जैसी सार्वजनिक जगह पर फँसे हैं, तो आसपास के सुरक्षा गार्ड या पुलिस अधिकारी से मदद मांगें और अपनी गवाहियों को लिखित रूप में दर्ज कर लें।
अंत में, दुर्घटना के बाद शरीर और मन दोनों को ठीक होने का वक्त चाहिए। डॉक्टर की सलाह मानें, दवाइयों का पूरा कोर्स पूरा करें और फिजिकल थैरेपी की जरूरत पड़े तो उसका पालन करें। साथ ही, नियमित रूप से मनोवैज्ञानिक या काउंसिलर से बात करें, क्योंकि मन का तनाव भी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। याद रखें, सही उपायों से न केवल आप अपनी जिंदगियों बचाते हैं, बल्कि भविष्य में समान दुर्घटनाओं से बचने की सीख भी मिलती है।
ब्लॉग में हमने चर्चा की है कि हिट एंड रन केस के बाद व्यक्ति को क्या करना चाहिए। सबसे पहले, आपको तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए और दुर्घटना स्थल पर रहना चाहिए। दूसरे, आपको इलाज के लिए चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए और तीसरे, आपको एक वकील की सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा, आपको सभी महत्वपूर्ण जानकारी और सबूत संग्रहित करना चाहिए।