जब बात आती है श्रीलंका महिला, श्रीलंका के समाज में रहने वाली महिलाएँ जो संस्कृति, शिक्षा और राजनीति के माध्यम से अपनी आवाज़ बना रही हैं की, तो ये केवल एक जाति या भूगोल का नाम नहीं है—ये एक आंदोलन है। ये महिलाएँ घर के अंदर भी और बाहर भी अपनी जगह बना रही हैं। उनके बारे में सोचें तो एक छोटी सी द्वीप राष्ट्र की ताकत का पूरा चित्र सामने आ जाता है।
श्रीलंका महिलाएँ खेल के मैदान में भी अपना नाम दर्ज कर रही हैं। क्रिकेट से लेकर एथलेटिक्स तक, उनकी टीमें दुनिया भर में ध्यान आकर्षित कर रही हैं। इनमें से कई खिलाड़ियों ने अपने परिवार के सामने आने के बजाय अपने देश के लिए खेलने का फैसला किया। ये लड़कियाँ सिर्फ जीतने के लिए नहीं, बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए रास्ता खोलने के लिए खेल रही हैं। श्रीलंका महिला क्रिकेट टीम का नाम अब बहुत से घरों में गौरव के साथ लिया जाता है।
इनके साथ ही शिक्षा का मुद्दा भी जुड़ा है। श्रीलंका में महिलाओं की शिक्षा की दर दक्षिण एशिया में एक बहुत ही अच्छी है। लेकिन शिक्षा के बाद की जिंदगी कैसी होती है? क्या वे नौकरी पाती हैं? क्या उन्हें बराबरी मिलती है? ये सवाल अभी भी जवाब का इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन एक बात साफ है—वे अब चुप नहीं रह रहीं। उन्होंने अपने आवाज़ बढ़ाने के लिए अपने घर, विश्वविद्यालय और सरकारी दफ्तरों में आवाज़ उठाना शुरू कर दिया है।
श्रीलंका की महिलाएँ अपने समाज के भीतर भी बदलाव ला रही हैं। कुछ ने अपने गाँव में महिला समूह बनाए हैं, जहाँ वे आर्थिक स्वतंत्रता के लिए छोटे व्यवसाय शुरू करती हैं। कुछ ने अपने बच्चों को पढ़ाया, ताकि अगली पीढ़ी भी अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हो। ये बदलाव बड़े पैमाने पर नहीं, लेकिन घर-घर में आ रहे हैं।
इस संग्रह में आपको श्रीलंका महिलाओं की वास्तविक कहानियाँ मिलेंगी—जिनमें उनकी लड़ाई, उनकी जीत, और उनके दिन के छोटे-छोटे पल शामिल हैं। ये खबरें आपको बताएंगी कि एक देश की महिलाएँ कैसे अपनी पहचान बनाती हैं, जब दुनिया उन्हें नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करती है।
बारिश ने कोलंबो के आर. प्रेमदास स्टेडियम में श्रीलंका वि पाकिस्तान महिला विश्व कप मैच को रद्द कर दिया; दोनों टीमों ने एक‑एक अंक साझा किया.