अगर आप हिंदू धर्म में देवी‑देवताओं की बातें सुनते‑सुनते थक चुके हैं, तो भी Maa Mahagauri का नाम ज़रूर सुनेंगे। वह त्रिपुरी की तीसरी महादेवी हैं, जिनके बारे में श्रोताओं को शुद्धता और दृढ़ता का संदेश मिलता है। आज हम बताएँगे कि उनकी कथा क्या है, उनके प्रसाद कैसे लगाते हैं और कौन‑से त्यौहार उनके नाम होते हैं।
कहानी शुरू होती है जब देवी कलरात्रि ने सृष्टि में व्यभिचार के कारण आसमान में धुंध बना दी। भगवान शिव ने अपनी तीसरी आँख से उस अंधकार को हटाया, और महालिंगला पर एक सफेद धुंध आई। इस धुंध से निकल कर वही "Maa Mahagauri" बनीं, जिनके शरीर पर कोमल सफेद रेशमी वस्त्र थे। उनका नाम ‘Mahagauri’ मतलब ‘बहुत उजली और शुद्ध’ भी कहा जाता है।
एक और रोचक हिस्सा है उनका शनि के साथ संबंध। माना जाता है कि शनि की कठोरता को भी Mahagauri ने शांत किया, इसलिए शनि‑पूजा में उनकी अर्पण विशेष महत्व रखती है। लोग अक्सर इस कथा को सुनते‑सुनते खुद को दृढ़ और साफ़ मनोभावों से भरपूर पाते हैं।
पूजा का तरीका बहुत आसान है। सबसे पहले साफ़ बर्तन में हल्दी, चंदन और नारियल रखें। फिर एक छोटी सी मूर्ति या तस्वीर रखें और उसके सामने सफेद कपड़े बिछाएं। अगर आपके पास चूने की पिचकारी है तो वह भी अच्छी रहेगी, क्योंकि सफेद रंग उनके साथ मेल खाता है।
पूजा में दोती (गुड़) को मिठाई के रूप में अर्पित करें, साथ में सफेद फूल और दही डालें। भजन या कीर्तन गाते हुए अपने इरादे को स्पष्ट रखें – चाहे वह शनि‑संतुलन हो या जीवन में शुद्धि। अंत में पवित्र जल से स्नान कर लें, यह आपके मन को भी साफ़ कर देगा।
Mahagauri के प्रमुख त्यौहारों में ‘सौरत्री’ और ‘शरद पंचमी’ के आसपास के दिन खास मानें जाते हैं। इन दिनों कई लोग मंदिरों में जाथा (रिवाज) बनाकर दीर्घा में बैठते हैं, और एक पूरी रात ध्यान करते हैं। यही नहीं, हर साल ‘बैंशीर’ (आवश्यकता के अनुसार) में भी उनका सम्मान किया जाता है, जहां लोग सफेद वस्त्रों में भाग लेते हैं।
अगर आप इस महीने के अंत में अपनी नौकरी या पढ़ाई में स्थिरता चाहते हैं, तो एक बार Mahagauri की पूजा कर सकते हैं। कई लोग बताते हैं कि उनका शनि‑प्रभाव उनके काम में लगने वाले तनाव को कम करता है और परिणाम में सुधार लाता है।
अंत में, यह याद रखें कि Mahagauri की पूजा सिर्फ़ अर्मान नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि भी है। रोज़ थोड़ा‑बहुत समय निकालकर उनकी प्रतिमा के सामने बैठें, मन को शांत करें और अपने विचारों को साफ़ करें। यही तरीका आपके रोज़मर्रा के जीवन में शक्ति और संतुलन लाएगा।
चैतरा नवरात्रि 2025 के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा का विस्तार से वर्णन किया गया है। इस दिन की पूजा विधि, विशेष मंत्र, उपवास के नियम और आध्यात्मिक लाभों को समझाया गया है। सफेद रूप की देवी की महिमा, चार भुजाओं के प्रतीक और उसके वाहन के बारे में जानकारी भी दी गई है। लेख में शोडशोपचार के सभी चरणों को सरल शब्दों में बताया गया है।