27 नवंबर, 2025 को मुंबई के एक बंदरगाह जैसे उत्साह से भरे ऑडिटोरियम में, महिला क्रिकेट का एक नया युग शुरू होने वाला है। WPL 2026 की पहली मेगा नीलामी शुरू हो रही है, और इस बार कोई साधारण खिलाड़ी नहीं, बल्कि डीप्ति शर्मा जैसे खिलाड़ी के लिए बोली लगाने का तूफान आ रहा है। उन्हें यूपी वॉरियर्ज ने छोड़ दिया है—एक ऐसा फैसला जिसने पूरे क्रिकेट दुनिया में हैरानी पैदा कर दी। वहीं, उनके लिए गुजरात जायंट्स, दिल्ली कैपिटल्स और शायद फिर से यूपी वॉरियर्ज जैसी टीमें आमने-सामने होंगी। क्यों? क्योंकि डीप्ति सिर्फ एक ऑलराउंडर नहीं, बल्कि एक ऐसी खिलाड़ी हैं जो एक इन्निंग में मैच बदल सकती हैं।
नीलामी का बड़ा बदलाव: आठ मार्कीज़ खिलाड़ी, 73 स्लॉट
इस नीलामी में कुल 73 खिलाड़ियों के लिए स्लॉट हैं, और उनमें से आठ को ‘मार्कीज़’ घोषित किया गया है। इनमें ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर-बैटर एलिसा हीली, इंग्लैंड की स्पिनर सोफी एकलस्टोन, दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाज लॉरा वोल्वार्ड्ट, और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मेग लैनिंग शामिल हैं। लेकिन जो बात सबसे ज्यादा चर्चा में है, वह है डीप्ति शर्मा का नाम। वह अभी-अभी खत्म हुए महिला विश्व कप में ‘टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी’ चुनी गईं। ऐसा होना था कि उन्हें बरकरार रखा जाए—लेकिन यूपी वॉरियर्ज ने उन्हें छोड़ दिया।
क्यों छोड़ा गया डीप्ति? एक रहस्य या रणनीति?
पहली बार तो यह देखकर लगा कि यूपी वॉरियर्ज का दिमाग खराब हो गया। डीप्ति ने विश्व कप में 348 रन और 12 विकेट लिए—एक ऐसा आंकड़ा जो किसी भी ऑलराउंडर के लिए सपना होता है। फिर भी उन्हें बाहर कर दिया गया। जब प्रश्न किया गया, तो टीम ने कहा कि ‘कैपिटल कॉन्स्ट्रेंट’ और ‘लॉन्ग-टर्म प्लानिंग’ के कारण यह फैसला लिया गया। लेकिन यह सब बातें नहीं चलतीं।
पहले से ही यूपी वॉरियर्ज ने अपने सभी पांच रिटेंशन नहीं इस्तेमाल किए थे। अगर वे डीप्ति को बरकरार रखना चाहते थे, तो ऐसा कर सकते थे। तो फिर? जवाब शायद इस बात में छिपा है कि वे उनके लिए एक बड़ा बोली लगाने की योजना बना रहे हैं। उनके पास राइट टू मैच (RTM) कार्ड है—जिसका इस्तेमाल वे किसी भी टीम द्वारा बोली लगाए जाने पर उन्हें वापस ले सकते हैं। लेकिन यह खतरनाक खेल है। अगर दिल्ली या गुजरात 12 करोड़ रुपये लगा दें, तो क्या यूपी उतना ही देगा? या फिर वे उन्हें खोने को तैयार हैं?
बोली का युद्ध: गुजरात, दिल्ली और यूपी की तीन-तिरंगी लड़ाई
पूर्व भारतीय खिलाड़ी अंजुम चोपड़ा ने एक बयान दिया है जो अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कहा, ‘गुजरात जायंट्स, दिल्ली कैपिटल्स और यूपी वॉरियर्ज—तीनों डीप्ति के लिए बोली लगाएंगे।’ और यह बात सच होने की संभावना है।
गुजरात जायंट्स ने अपने पांच में से सिर्फ एक खिलाड़ी को बरकरार रखा है। वे एक बड़ी खिलाड़ी की जरूरत रखते हैं—कोई ऐसी जो टीम को बदल सके। दिल्ली कैपिटल्स ने पांच खिलाड़ियों को बरकरार रखा है, लेकिन उनकी टीम बहुत बल्लेबाजी पर निर्भर है। उन्हें एक ऐसी ऑलराउंडर चाहिए जो अंतिम ओवर में गेंदबाजी कर सके। और यूपी? वे अपने खिलाड़ियों को बदलने के लिए तैयार हैं। उनके पास रिसोर्स हैं, लेकिन उनकी रणनीति स्पष्ट नहीं है।
महिला क्रिकेट का नया युग: नीलामी का आर्थिक असर
इस नीलामी का सिर्फ खेल पर ही असर नहीं होगा, बल्कि यह भारत में महिला क्रिकेट के आर्थिक मूल्य को भी निर्धारित करेगी। पिछले साल डीप्ति की नीलामी 1.2 करोड़ रुपये में हुई थी। इस बार? वह आंकड़ा 8 से 12 करोड़ तक जा सकता है। यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक नई ऊंचाई होगी।
अगर डीप्ति के लिए 10 करोड़ रुपये लग जाएं, तो यह सिर्फ एक खिलाड़ी का मूल्य नहीं होगा—यह एक संदेश होगा कि भारत में महिला क्रिकेटर्स के लिए अब बड़े बजट हैं। यह एक छोटी सी लड़की के लिए भी एक नया सपना बन जाएगा। वह अब नहीं सोचेगी कि ‘क्या मैं अपने घर के पीछे गेंद फेंकूं?’ बल्कि वह सोचेगी, ‘क्या मैं कभी WPL में खेल पाऊंगी?’
अगला कदम: नीलामी के बाद क्या?
27 नवंबर के बाद, जब बोली खत्म हो जाएगी, तो टीमें अपने नए गठन के साथ तैयार होंगी। लेकिन असली परीक्षा तो फरवरी 2026 में शुरू होगी, जब पहला मैच खेला जाएगा। क्या डीप्ति दिल्ली के लिए खेलेंगी? या गुजरात के लिए? या फिर यूपी वॉरियर्ज अपना RTM कार्ड इस्तेमाल करके उन्हें वापस ले लेंगे?
एक बात तय है—इस नीलामी के बाद, महिला क्रिकेट का बाजार अब कभी पहले जैसा नहीं होगा। और जो खिलाड़ी आज बोली में बेची जा रही हैं, वे अब केवल खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक आंदोलन के प्रतीक बन गए हैं।
FAQ
डीप्ति शर्मा को यूपी वॉरियर्ज ने क्यों छोड़ा?
यूपी वॉरियर्ज ने डीप्ति को छोड़ने का औपचारिक कारण बजट सीमा और लंबी अवधि की रणनीति बताया है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि वे उन्हें बाद में RTM कार्ड के जरिए वापस लाने की योजना बना रहे हैं। उनके पास अभी भी पांच में से तीन रिटेंशन बचे हैं, जिससे लगता है कि वे उन्हें बोली में बोली लगाकर वापस लाना चाहते हैं।
WPL 2026 में कौन-कौन से खिलाड़ी मार्कीज़ हैं?
मार्कीज़ खिलाड़ियों में डीप्ति शर्मा (भारत), एलिसा हीली (ऑस्ट्रेलिया), सोफी एकलस्टोन (इंग्लैंड), लॉरा वोल्वार्ड्ट (दक्षिण अफ्रीका), मेग लैनिंग (ऑस्ट्रेलिया) और तीन अन्य अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शामिल हैं। ये आठ खिलाड़ी नीलामी में सबसे ज्यादा बोली लगाए जाने वाले हैं, क्योंकि उनकी क्षमता टीमों को जीत की ओर ले जा सकती है।
RTM कार्ड क्या है और इसका क्या असर होगा?
RTM (Right To Match) कार्ड एक ऐसा अधिकार है जो टीम को अपने छोड़े गए खिलाड़ी को वापस लाने की अनुमति देता है, अगर कोई अन्य टीम उसके लिए बोली लगाए। यूपी वॉरियर्ज के पास डीप्ति के लिए यह कार्ड है, लेकिन अगर कोई टीम 12 करोड़ रुपये लगा दे, तो क्या यूपी उतना दे पाएगा? यह बोली का सबसे रोमांचक पहलू है।
डीप्ति शर्मा के लिए बोली कितनी हो सकती है?
पिछले साल डीप्ति की नीलामी 1.2 करोड़ रुपये में हुई थी। इस बार, उनके विश्व कप प्रदर्शन और अभाव के कारण बोली 8 से 12 करोड़ रुपये तक जा सकती है। यह भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले खिलाड़ियों में से एक होगा।
क्या यह नीलामी महिला क्रिकेट के लिए एक मोड़ है?
बिल्कुल। यह नीलामी सिर्फ खिलाड़ियों की बिक्री नहीं, बल्कि भारत में महिला क्रिकेट के मूल्य का एक नया निर्धारण है। जब एक खिलाड़ी के लिए 10 करोड़ रुपये लग रहे हैं, तो यह संकेत है कि अब महिलाएं खेल के असली स्टार हैं। यह एक नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बनेगी।
कौन सी टीमें अधिक खिलाड़ियों को नीलामी में खरीदने के लिए तैयार हैं?
गुजरात जायंट्स और यूपी वॉरियर्ज ने अपने टीम को लगभग पूरी तरह बदलने का फैसला किया है। दोनों टीमों के पास अभी तक एक या दो खिलाड़ी ही बरकरार हैं, इसलिए वे नीलामी में अधिक खर्च करने को तैयार हैं। दिल्ली और मुंबई जैसी टीमें अपने आधार को बनाए रखने के बाद सिर्फ पूरक खिलाड़ियों को खरीदेंगी।