अगर आप हल्का-फुल्का डिटॉक्स चाहते हैं तो सात्विक उपवास एक बढ़िया विकल्प है। इसमें कोई कठोर प्रतिबंध नहीं, बस कुछ सरल नियम अपनाएँ और शरीर के साथ मन भी साफ़ हो जाएगा। अब जानते हैं कैसे शुरू करें और कौन‑से फायदें मिलते हैं।
पहला नियम – शुद्धता पर ध्यान। भिगुने, उबले या हल्के पकाए हुए सब्जियों, फलों और दालों को ही चुनें। मसालों में हल्दी, जीरा और काली मिर्च जैसी हल्की चीज़ें ही रखें। दूसरा नियम – समय निर्धारित करना। आमतौर पर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक केवल शाकाहारी भोजन रखें, और 6‑12 घंटे के भीतर हल्का नाश्ता कर लें। तीसरा नियम – शराब, तम्बाकू और भारी तेल वाले खाद्य पदार्थों को पूरी तरह से त्यागें। यह शरीर को विष मुक्त करने में मदद करता है।
अधिकांश लोग फल, सब्जी, दाल और अंकुरित अनाज जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को पसंद करते हैं। उदाहरण के तौर पर आप नाश्ते में अदरक वाली ग्रीन टी और एक कटोरी ओट्स ले सकते हैं, दोपहर के भोजन में मिश्रित सब्जियों की सब्जी, दाल और बेसन की रोटी, और शाम को फल का सलाद या हल्का क़चना।
परहेज करने वाली चीज़ें – तले‑भुने, मीट, अंडा, पनीर, और बहुत भारी मिठाई। इनसे पेट में अजीब गैस और ऊर्जा की कमी हो सकती है, जिससे उपवास का असर कम हो जाता है।
ध्यान रखें कि पानी पर्याप्त मात्रा में पिएँ, कम से कम 2‑3 लीटर रोज़। अगर आप चाहते हैं तो थोड़ा नींबू या सौंफ़ डालकर स्वाद बढ़ा सकते हैं, लेकिन कोई मीठा नहीं।
उपवास के दौरान हल्की कसरत, जैसे सुबह की सैर या योग, बहुत फायदेमंद रहती है। यह रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है और शरीर को विष मुक्त करने में मदद करता है।
जब आप सात्विक उपवास समाप्त करें, तो धीरे‑धीरे सामान्य भोजन की ओर लौटें। पहले दो‑तीन दिन हल्के सूप, खिचड़ी या खीर जैसी चीज़ें खाएँ, फिर धीरे‑धीरे दाल‑रोटी‑सब्जी को जोड़ें। अचानक भारी भोजन लेने से पेट में असहजता हो सकती है।
सात्विक उपवास से वजन नियंत्रित रहता है, पाचन सुधरता है, और त्वचा पर भी फर्क दिखता है। कई लोग बताते हैं कि उनका मन भी शांति‑पूर्ण हो जाता है, क्योंकि शरीर में कोई विषाणु नहीं रह जाता।
अगर आप रोज़ाना 2‑3 दिन सात्विक उपवास अपनाएँ, तो दिखने वाले बदलावों से आप खुद हैरान रह जाएँगे। बस जरूरत है नियमितता की और अपने शरीर की बात सुनने की।
तो आज ही अपनी डायरी में एक दिन का सात्विक उपवास लिखें, और देखिए कैसे आपका शरीर और मन दोनों को ऊर्जा मिलती है।
चैतरा नवरात्रि 2025 के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा का विस्तार से वर्णन किया गया है। इस दिन की पूजा विधि, विशेष मंत्र, उपवास के नियम और आध्यात्मिक लाभों को समझाया गया है। सफेद रूप की देवी की महिमा, चार भुजाओं के प्रतीक और उसके वाहन के बारे में जानकारी भी दी गई है। लेख में शोडशोपचार के सभी चरणों को सरल शब्दों में बताया गया है।